BMC Election 2026

BMC Election 2026: 20 साल बाद उद्धव-राज ठाकरे हुए एक,कहा-बटेंगे तो बिखरेंगे

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Mumbai BMC Election 2026: उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के बीच गठबंधन का एलान बुधवार को हो गया. दोनों ने मुंबई में जाइंट प्रेस कॉफ्रेंस कर गठबंधन का ऐलान किया. 20 साल बाद उद्धव की पार्टी शिवसेना (यूबीटी) और राज ठाकरे की पार्टी मनसे में चुनावी गठबंधन हुआ है. 2005 में राज ठाकरे ने शिवसेना से अलग होकर मनसे पार्टी बनाई थी. इससे पहले दोनों नेता महाराष्ट्र में हिंदी को लेकर जारी विवाद के बीच मराठी एकता पर मुंबई के वर्ली डोम में रैली की थी. BMC चुनाव 2026 से पहले यह गठबंधन कई मामलों में अहम है.

BMC Election 2026: हमारी सोच एक

प्रेस कांफ्रेस में पार्टी के ऐलान के बाद उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे ने काफी अहम बातें कही जो महाराष्ट्र और मराठी एकता के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं. दोनों ने इस एलान से पहले शिवाजी पार्क स्थित बालासाहेब ठाकरे के स्मारक पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी. इस एलान के दौरान दोनों के परिवार भी मंच पर मौजूद रहे.

उद्धव ठाकरे ने कहा कि हमारी सोच एक है अगर हम बंटेंगे तो बिखरेंगे. महाराष्ट्र के लिए हम सब एक हैं. ठाकरे ने कहा कि मैं सभी से अनुरोध और अपील करता हूं कि पिछली विधानसभा चुनावों के दौरान भाजपा ने बटेंगे तो कटेंगें जैसा दुष्प्रचार किया था. मैं मराठी लोगों से कहना चाहता हूं कि अब अगर आपसे चूक हुई तो सब खत्म हो जाएगा. अब अगर हम बंटे तो पूरी तरह मिट जाएगें. इसलिए ना टूटे, ना बंटे. मराठी अस्मिता की विरासत ना छोड़ें.

वहीं राज ठाकरे ने कहा कि मुंबई का मेयर मराठी होगा. मैनें एक बार कहा था कि आपसी किसी भी विवाद या लड़ाई से महाराष्ट्र बड़ा है. आज की बैठक के बाद हम अन्य नगर निगमों के लिए भी घोषणा करेंगे. मुंबई का मेयर मराठी होगा और हमारे ही दल से होगा. बता दें कि महाराष्ट्र में BMC समेत 29 नगर निगमों में 15 जनवरी को वोटिंग होगी और रिजल्ट 16 जनवरी को आएगा.

BMC Election 2026: 20 साल पहले हुए थे अलग

आज से 20 साल पहले 27 नवंबर 2005 को राज ठाकरे ने शिवसेना से इस्तीफा दे दिया था. यह इस्तीफा राज ने शिवसेना में उद्धव ठाकरे को उत्तराधिकारी घोषित करने के बाद दिया था. 2006 में राज ठाकरे ने अपनी अलग पार्टी मनसे बनाई थी.

BMC Election 2026: दोनों के साथ आने की क्या है वजह

दोनों नेताओं के साथ आने को लेकर चुनावी सरगर्मी बढ़ हैं. दोनों नेताओं के साथ आने को लेकर चुनावी समीकरण देखें जा रहै हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि इससे कई फायदे हो सकते हैं.

क्या-क्या हैं फायदे
-BMC चुनाव
-मराठी वोटों का एकीकरण
-बीजेपी के लिए चुनौती
-शिंदे गुट पर दबाव

BMC चुनाव क्यों है खास

बीएमसी चुनाव को हमेशा मुंबई की सत्ता से जोड़कर देखा जाता है. इस चुनाव का बजट 74,000 करोड़ रुपए होता है. मुंबई नगर निगम का बजट कई प्रदेशों के बजट से बड़ा होता है. यहीं कारण है कि सभी पार्टियां अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रही है. चुनाव के लिए नामांकन 23 दिसंबर से शुरु हो चुका है और 30 दिसंबर को नामांकन की आखिरी तारीख है. BMC पर शिवसेना ने 20 साल 1997 से लेकर 2017 तक बिना बंटे राज किया था. उस समय बीजेपी उसकी सहयोगी थी.

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