गर्व! अनाथालय से पढ़कर क्रैक किया UPSC एग्जाम, पहले की 21 सरकारी नौकरी फिर बने IPS..

न्यूज डेस्क: एक काफी मशहूर पंक्ति है कि “कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं हो सकता एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों” इस पंक्ति को मोहम्मद अली शिहाब चरितार्थ कर दिया। शिहाब ने तबियत से पत्थर भी उछाला और आसमान में सुराख भी कर दिया। जी हां हम बात कर रहे हैं 12वीं तक की पढ़ाई अनाथालय में रह कर पूरी करने वाले IPS मोहम्मद अली शिहाब की। लोग एक सरकारी नौकरी के लिए तरसते हैं। वहीं शिहाब ने 21 सरकारी नौकरी पास की। इनका लक्ष्य यूपीएससी था और इस लक्ष्य को आईपीएस बन अंततः पूरा भी कर लिया।

मोहम्मद अली शिहाब केरल के मल्लपुरम जिले के एडवान्नाप्पारा गांव के निवासी हैं। शिहाब के पिता का नाम कोरोत अली और माता का फातिमा है। शिहाब के पिता की मृत्यु 1991 में किसी बीमारी के कारण हो गई थी। बचपन में शिहाब अपने पिता के साथ बांस की टोकरी और पान के पत्ते बेचते थे। पिता के मृत्यु के बाद घर की पूरी जिम्मेदारी मां पर आकर टिक गई।

अनाथालय में की पढ़ाई

शिहाब की मां अपने पांच बच्चों का पूरा भरण-पोषण नहीं कर पाती थीं। इसलिए उन्होंने अपने तीनों बच्चों को अच्छी परवरिश के लिए एक अनाथालय भेज दिया। यही वजह है कि शिहाब ने अनाथालय में रहकर बारहवीं तक की पढ़ाई की है। इसके बाद डिस्टेंस मोड के माध्यम से आगे की पढ़ाई करते हुए सरकारी नौकरी की तैयारी भी कर रहे थे।

चपरासी को नौकरी से की शुरुआत

शिहाब को साल 2004 में चपरासी की नौकरी मिली थी। फिर रेलवे में टीटीई और जेल वार्डन के तौर पर भी काम किया। लेकिन उनका लक्ष्य आईपीएस अधिकारी बनना था। इस दौरान वे यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करते थे। मोहम्मद अली शिहाब ने अपनी नौकरी और पारिवारिक जिम्मेदारियों को निभाते हुए पढ़ाई जारी रखी। अपने पहले दो प्रयासों में असफल होने के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी। 2011 में, मोहम्मद अली शिहाब ने अपने तीसरे प्रयास में यूपीएससी परीक्षा पास की और अखिल भारतीय स्तर पर 226वीं रैंक हासिल की।