DM Vs Collector : देश करोड़ों युवाओं का डीएम और कलेक्टर बनाना होता है. जिसके लिए घर से बाहर निकलकर कड़ी मेहनत के कुछ लोग इस सपने को पूरा भी कर लेते हैं. लेकिन कुछ लोगों का सपना-सपना ही रह जाता है. अब ऐसे में आज भी ढेरों लोग ऐसे हैं.
जिन्हें इस बात को लेकर असमंजस है कि, डीएम (DM)और कलेक्टर (Collector) एक तो वहीं कुछ लोग इस बार अनजान हैं कि, आखिर इनमें से कौन पावरफुल ऑफिसर है? तो आइए आज हम इसी सवाल का जवाब जानते हैं…
देनी होती है ये परीक्षा
बता दें कि, डीएम (DM), कलेक्टर (Collector), एसडीएम (SDM) और आईपीएस (IPS) जैसे तमाम पदों के लिए सबसे पहले और सबसे कठिन परीक्षा यूपीएससी (UPSC) की देनी होती है. अगर आप इस परीक्षा को पास कर जाते हैं तो आपकी राह सफल होती है.
हालांकि, ये परीक्षा तीन चरणों में प्रीलिम्स, मेंस और इंटरव्यू के रूप में होती है. जिसके बाद आपको आपकी रैंक के अनुसार अलग अलग विभाग में काम के लिए इन पदों पर नियुक्त किया जाता है.
क्या है कलेक्टर और डीएम के बीच अंतर ?
तो सबसे पहले डीएम की बात करें तो इसे डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट के नाम से जानते हैं. जो भारतीय सेना का एक प्रशासनिक अधिकारी होता है. जबकि जिले स्तर पर राजस्व प्रबंधन से जुड़ा बड़ा अधिकारी कलेक्टर होता है. जो राजस्व के मामले से जुड़े काम काज को संभालता है और जिम्मेदार भी होता है.