Ayodhya Ram Mandir : देशभर में खुशी का माहौल है, अब अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा भी हो चुकी है. लेकिन मंदिर के गर्भगृह में स्थापित मूर्ति को लेकर लोगों में मन एक सवाल उठ रहा है. क्योंकि भगवान राम की मूर्ति को अभी किसी ने इस रंग में नहीं देखा था.
खैर, लगभग 500 सालों का इंतजार खत्म होने के बाद पूरा देश खुशी से झूम रहा है. तो आइए आज सबसे पहले लाखों-करोड़ों लोगों के मन में उठ रहे इस सवाल का जवाब जान लेते हैं. आखिर ऐसा क्यों?
क्या है वजह ?
दरअसल, इसके पीछे का मुख्य कारण है कि भगवान राम के बचपन की छवि काले रंग की थी. जब भगवान राम की पहली तस्वीर लोगों के सामने आई तो ढेरों लोग इस को लेकर सवाल उठने लगे, लेकिन आपको आपकी जानकारी के लिए बता दें की प्रभु राम के सावले रंग का होने का जिक्र रामायण में किया गया है. इतना ही नहीं बल्कि प्रभु की स्तुति में भी इस बात को साफ-साफ शब्दों में लिखा गया है.
इस पत्थर से बनाई गई प्रतिमा
वहीं भगवान राम की प्रतिमा बनाने के लिए श्याम शीला पत्थर का इस्तेमाल किया गया है. ऐसा क्योंकि इस पत्थर की आयु हजारों साल मानी जाती है और इसपर पानी, हल्दी, फुल चढ़ाने के बाद भी कोई फर्क नहीं पड़ता है. वहीं गर्भगृह का दरवाजा भी पूर्ण रूप से सोने से बनाया गया है.