Child Marriage यानी बाल विवाह आज भी दुनिया के लिए एक गंभीर मानवाधिकार चुनौती बना हुआ है। साल 2025 में भी तमाम कानूनों और जागरूकता अभियानों के बाद भी लाखों बच्चों की शादी 18 साल की उम्र से पहले कर दी जाती है। यह समस्या अफ्रीकी देशों में बेहद गंभीर है। आइए जानते हैं दुनिया में सबसे ज्यादा बाल विवाह कहां होते हैं और भारत इस मामले में किस पायदान पर है।
यहां होते हैं दुनिया में सबसे ज्यादा बाल विवाह
2025 के आंकड़ों के मुताबिक नाइजर दुनिया में बाल विवाह के मामले में सबसे ऊपर है। यहां करीब 76 प्रतिशत लड़कियों की शादी 18 साल से पहले हो जाती है। वहीं लगभग 28 प्रतिशत लड़कियों की शादी 15 साल की उम्र से पहले कर दी जाती है। नाइजर के माराडी जैसे कुछ इलाकों में स्थिति और भी भयावह है।यहां बाल विवाह की दर 89 प्रतिशत तक पहुंच चुकी है। इसकी एक बड़ी वजह देश का कानूनी ढांचा है। इस जगह लड़कों की न्यूनतम शादी की उम्र 18 साल है। वहीं लड़कियों के लिए यह सिर्फ 15 साल तय है।
इतने ज्यादा बाल विवाह होने की वजह?
नाइजर और आसपास के कई अफ्रीकी देशों में गरीबी बाल विवाह की सबसे बड़ी वजह मानी जाती है। आर्थिक तंगी से जूझ रहे परिवार लड़कियों की जल्दी शादी को बोझ कम करने या दहेज से जुड़े फायदे के रूप में देखते हैं। इसके अलावा शिक्षा की कमी भी एक कारण है। स्कूल छोड़ने वाली लड़कियों के जल्दी शादी के शिकार होने की आशंका कहीं ज्यादा होती है।
नाइजर के अलावा किन देशों में स्थिति गंभीर
नाइजर के बाद सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक, चाड और माली जैसे देशों में भी बाल विवाह की दर काफी ऊंची है। सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक में यह दर लगभग 68 प्रतिशत, चाड में 67 प्रतिशत और माली में करीब 54 प्रतिशत बताई गई है।
भारत किस पायदान पर है?
प्रतिशत के लिहाज से भले ही नाइजर सबसे आगे हो। लेकिन संख्या के मामले में भारत का रिकॉर्ड सबसे दुखद है। भारत में आबादी अधिक होने की वजह से दुनिया की सबसे ज्यादा बाल वधू रहती हैं। साल 2025 तक भारत में करीब 22.24 करोड़ महिलाओं की शादी 18 साल से पहले हो चुकी है। इसका मतलब यह है कि दुनिया की हर तीन बाल वधुओं में से एक भारत में रहती है। अब इससे सोचा जा सकता है कि स्थिति कैसी है।

