Patient Rights : अगर हॉस्पिटल इलाज या एडमिट करने से मना करे तो यहां कीजिए शिकायत? तुरंत होगी कार्यवाही!

Patient Rights : आज के समय में कई बार ऐसी खबरें सुनने को मिलती है कि किसी व्यक्ति की तबीयत बहुत ज्यादा खराब है या कोई महिला गर्भवती और इमरजेंसी में उसे अस्पताल जाना होता है। हर कोई गंभीर बीमारी के इलाज के लिए अस्पताल में ही जाता है लेकिन कई बार हॉस्पिटल उन्हें एडमिट करने का इलाज देने से मना कर देते हैं।

कई मामले ऐसे भी है जिनमें अस्पताल वालों ने मरीज को साफ मना कर दिया और उन्हें कोई बहाना बनाकर दूसरी जगह भेज दिया। ऐसी स्थिति में तुरंत इलाज न मिलने के कारण कई बार इंसान की मौत भी हो जाती है। अगर आपके भी परिवार के सदस्य या किसी रिश्तेदार के साथ ऐसा हुआ है तो अब आप उसकी शिकायत कर सकते हैं। आइये आपको बताते है कि कहाँ आप इसकी शिकायत कर सकते है?

ये होते है मरीज के अधिकार

हमारे देश में हर नागरिक को कुछ अधिकार मिले हुए हैं और इसी प्रकार मरीज के भी कुछ अधिकार (Patient Rights) होते हैं। इनमें सबसे पहला अधिकार मरीज को उचित इलाज मिलना है। मरीज को यह जानने का अधिकार (Patient Rights) भी है कि उसे क्या बीमारी है और उसे किस चीज की और कौन सी दवाई दी जा रही है? इसके अलावा मरीज चाहे तो डॉक्टर की योग्यता और क्वालिफिकेशन के बारे में भी पूछ सकता है। उसके साथ ही मरीज (Patient) अगर अपनी बीमारी के बारे में ना बताना चाहे तो भी उसे इसका पूरा अधिकार है।

यहां कर सकते है शिकायत

आपको बता दें कि, अगर कोई भी हॉस्पिटल किसी मरीज को इलाज देने या उसे एडमिट करने से मना करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सकती है। अगर आपके साथ भी ऐसा होता है तो आप इसकी शिकायत राज्य के हेल्थ डिपार्टमेंट यानी स्वास्थ्य विभाग (Health Department) को कर सकते हैं। आपको राज्य के हिसाब से अलग-अलग हेल्पलाइन नंबर मिल जाते है। लेकिन अगर ये हॉस्पिटल केंद्र से जुड़ा है तो आप इसकी शिकायत स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) की वेबसाइट पर जाकर शिकायत कर सकते है।

हो सकती है सख्त कार्रवाई

इसके अलावा आप किसी अस्पताल या डॉक्टर की शिकायत कंज्यूमर कोर्ट (Consumer Court) या उपभोक्ता मंत्रालय में जाकर भी कर सकते हैं। इसके खिलाफ आप पुलिस में एफआईआर (FIR) दर्ज करवा सकते हैं और कोर्ट में केस भी कर सकते हैं। अगर हॉस्पिटल या डॉक्टर की लापरवाही के कारण किसी मरीज की मौत हो जाती है तो आईपीसी (IPC) की धारा 304 के तहत उस पर केस हो सकता है। जिसके अंतर्गत दोषी व्यक्ति को 2 साल की कड़ी सजा का प्रावधान है। आप राज्य मेडिकल काउंसिल और इंडियन मेडिकल काउंसिल (Indian Medical Council) में भी शिकायत कर सकते हैं।