Swiggy-Zomato Delivery Boy Monthly Salary : समय के साथ टेक्नोलॉजी ने आम लोगों की जिंदगी को आसान बना दिया है। आज एक क्लिक पर कैब मिल जाती है और खाना, नाश्ता या राशन घर तक पहुंच जाता है। लेकिन यह सुविधा जिन लोगों की मेहनत से मिल रही है, वही लोग आज अपनी समस्याओं को लेकर सड़कों पर उतरने को मजबूर हैं।
स्विगी, जोमैटो और ऐप आधारित तमाम प्लेटफॉर्म पर काम करने वाले कर्मी अपनी मांगों को लेकर 25 दिसंबर को हड़ताल कर चुके हैं। वहीं 31 दिसंबर को फिर हड़ताल करने वाले हैं। इन कर्मियों की मांगें सीधे उनके काम और रोजी-रोटी से जुड़ी हैं। ये लोग किसी कंपनी के स्थायी कर्मचारी नहीं होते हैं।
वे ऐप के जरिए काम करते हैं। इसमें जितना काम, उतनी कमाई के आधार पर पैसे मिलता हैं। इन्हें काम का समय खुद तय करने की आजादी तो होती है। लेकिन इसके साथ अनिश्चित कमाई और असुरक्षा भी है।
क्या कहता है सर्वे
सर्वे के मुताबिक, बड़ी संख्या में डिलीवरी कर्मी और कैब ड्राइवर दिन में 10 से 14 घंटे तक काम करने को मजबूर हैं। इसके बावजूद हालात बेहतर नहीं हैं। रिपोर्ट की माने तो 43 प्रतिशत से ज्यादा ऐसे कामगार सभी खर्च घटाने के बाद दिन में 500 रुपये से भी कम कमाते हैं। यानी महीने की कमाई करीब 15 हजार रुपये से नीचे रह जाती है। वहीं, 34 प्रतिशत डिलीवरी करने वाले लोग महीने में 10 हजार रुपये से भी कम कमा पाते हैं।
हादसों का शिकार डिलीवरी बॉय
ऐसे में कम आमदनी के कारण इनके लिए घर का खर्च चलाना मुश्किल हो जाता है। कई मामलों में पेट्रोल, मेंटेनेंस और दूसरे खर्च उनकी कमाई से ज्यादा हो जाते हैं, जिससे कर्ज लेने की नौबत आ जाती है। इसके अलावा कंपनियों के कमीशन सिस्टम से भी ज्यादातर लोग खुश नहीं हैं।
लगातार काम और जल्दी डिलीवरी के दबाव के कारण सड़क हादसों का खतरा भी बढ़ जाता है। कई कर्मी आईडी बंद होने, ग्राहकों के गलत व्यवहार और छुट्टी न मिल पाने जैसी समस्याओं से भी जूझ रहे हैं। यही वजह है कि ये लोग अब बेहतर कमाई, नौकरी की सुरक्षा और सुरक्षित कामकाज की मांग को लेकर आवाज उठा रहे हैं।

