Snake Facts : क्या ‘नाग’ की मौत का बदला लेती है नागिन? जानें – सबसे बड़े रहस्य का सच…..

Snake Facts : भारतीय समाज में सांपों से जुड़ी कई कहानियां काफी प्रचलित हैं। कई बार आपने सुना होगा कि सांप अपने साथी की मौत का बदला लेता है। इसके अलावा भी कई ऐसी बातें हैं जो आप कहानियों में सुनते हैं और चौंक जाते हैं। आज इस आर्टिकल में हम आपको सांपों से जुड़े कई तथ्यों के बारे में बताएंगे। इन तथ्यों को जानने के लिए लोग इंटरनेट पर सर्च करते हैं, फिर भी कई बार उन्हें सारे जवाब नहीं मिल पाते। ऐसे में अगर आप भी सांपों से जुड़े सभी प्रभाव जानना चाहते हैं तो आइए विस्तार से जानते हैं।

मौत का बदला लेता है सांप?

हमारे समाज में ऐसी मान्यता है कि अगर कोई व्यक्ति सांप को मार देता है तो मरे हुए सांप की आंखों में हत्यारे की छवि आ जाती है, जिसे पहचानकर सांप का साथी उसका पीछा करता है और उसे काटकर अपनी हत्या का बदला लेता है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो यह मान्यता पूरी तरह से अंधविश्वास पर आधारित है, क्योंकि सांप कम बुद्धि वाला प्राणी है।

उड़ने वाले सांपों का सच क्या है?

ऐसी बातें हम भी कहीं न कहीं सुनते हैं, लेकिन इसमें कोई सच्चाई नहीं होती। जीव विज्ञान के अनुसार उड़ने वाले सांप नहीं होते। सांपों की कुछ खास प्रजातियां होती हैं, जो ज्यादातर समय पेड़ों पर ही रहती हैं। इस प्रजाति के सांपों में प्राकृतिक गुण होता है कि ये एक पेड़ से दूसरे पेड़ पर छलांग लगाते हैं, लेकिन इन पेड़ों के बीच की दूरी बहुत कम होती है। जब ये सांप एक पेड़ से दूसरे पेड़ पर छलांग लगाते हैं तो ऐसा लगता है मानो उड़ रहे हों।

क्या साँपों की भी मूंछें होती हैं?

ऐसा भी कहा जाता है कि कुछ सांपों की मूंछें होती हैं, ये बात भी पूरी तरह से अंधविश्वास है। जीव विज्ञान के अनुसार मूंछों वाले सांपों का अस्तित्व ही नहीं है, ये किसी शातिर सपेरे के दिमाग की उपज हैं। सांप को खास आकार देने से अच्छी कमाई हो सकती है। इसी लालच के चलते सपेरा बड़ी सफाई से घोड़े की पूंछ के बालों को सांप के ऊपरी जबड़े में पिरोकर सिल देता है।

साँपों को कैसे सम्मोहित किया जाता है?

कुछ लोगों का मानना ​​है कि सांप की आंखों में किसी को भी सम्मोहित करने की ताकत होती है, यानी सांप चाहे जिसकी भी आंख में आंख डालकर देखता हो, वह इंसान या कोई भी प्राणी उस सांप के आदेश का पालन करता है। यह भी अंधविश्वास और कोरी कल्पना के अलावा कुछ नहीं है।