Friday, July 26, 2024
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Free Electricity : लाइफ टाइम नहीं आएगा बिजली बिल, बस छत पर लगाएं ये डिवाइस…

Tulip Wind Turbine : सरकार की ओर से दावे किये जा रहे हैं कि शहरों के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में भी बिजली उपलब्ध करायी जायेगी। बिजली की आपूर्ति तो हो रही है, लेकिन ग्रामीण इलाकों में बिजली कटौती की समस्या अब भी चरम पर है। ग्रामीण इलाकों में 12 घंटे तक बिजली कटौती होती है और शहरों में भी 3 से 4 घंटे तक बिजली कटौती होती है।

ऐसे में आपकी परेशानी को कम करने के लिए हम एक ऐसा तरीका लेकर आए हैं जिसमें आपको अपने घर की छत पर ट्यूलिप टरबाइन लगाना होगा। एक बार के खर्च से आपको जीवन भर मुफ्त बिजली मिलेगी। आपको बता दें कि ट्यूलिप टरबाइन लगाने की लागत सोलर पैनल से काफी कम है। आइए जानते हैं विस्तार से।

ट्यूलिप टरबाइन कैसे काम करता है?

ट्यूलिप टरबाइन एक ऊर्ध्वाधर पवन ऊर्जा टरबाइन है जो पवन ऊर्जा को बिजली में परिवर्तित करता है। यह टरबाइन फूल ट्यूलिप जैसा दिखता है, इसलिए इसका नाम ट्यूलिप टर्बाइन रखा गया है। यह टरबाइन कम हवा की गति में भी बिजली पैदा कर सकता है, जो इसे घरेलू उपयोग के लिए आदर्श बनाता है।

जब हवा ट्यूलिप टरबाइन के पंखों से टकराती है, तो यह ब्लेड को घुमाती है और इन पंखों के माध्यम से जनरेटर चलने लगता है और बिजली का उत्पादन शुरू हो जाता है। आपको बता दें कि ट्यूलिप टरबाइन कम हवा के दबाव में भी बिजली पैदा कर सकता है।

ट्यूलिप टरबाइन स्थापित करने की लागत

ट्यूलिप टरबाइन स्थापित करने की लागत उसके आकार पर निर्भर करती है। आमतौर पर ट्यूलिप टरबाइन लगाने की लागत 50 हजार रुपये से 2 लाख रुपये के बीच आती है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ये केवल अनुमानित लागतें हैं और आपके क्षेत्र के आधार पर अलग हो सकती हैं। ट्यूलिप टर्बाइन स्थापित करने से पहले, आपको एक योग्य तकनीशियन से परामर्श लेना चाहिए और अपने क्षेत्र में लागू सब्सिडी कार्यक्रमों के बारे में भी पूछताछ करनी होगी।

Nitesh Kumar Jha

नितेश कुमार झा पिछले 2.5 साल से thebegusarai.in से बतौर Editor के रूप में जुड़े हैं। इन्हें भारतीय राजनीति समेत एंटरटेनमेंट और बिजनेस से जुड़ी खबरों को लिखने में काफी दिलचस्पी है। इससे पहले वह असम से प्रकाशित अखबार दैनिक पूर्वोदय समेत कई मीडिया संस्थानों में काम किया। उनके लेख प्रभात खबर, दैनिक पूर्वोदय, पूर्वांचल प्रहरी और जनसत्ता जैसे अखबारों में भी प्रकाशित हो चुके हैं। अभी नीतेश दिल्ली स्थित जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी से MA मास मीडिया कर रहे हैं।