आखिर क्या है ईशनिंदा कानून? जिसमें हिंदुओं को भी मिलती है सजा? जानिए- विस्तार से…

डेस्क : इन दोनों ईशनिंदा कानूनों को लेकर कई खबरें सामने आ रही हैं। आपने इसके बारे में सोशल मीडिया, कई न्यूज चैनलों और अखबारों में पढ़ा होगा। दरअसल, हाल ही में पड़ोसी देश पाकिस्तान में कुछ स्थानीय लोग एक महिला को लेकर ईशनिंदा कानून के तहत सजा देने की मांग कर रहे थे। इसके बाद यह कानून पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बन गया। लेकिन क्या आप इस कानून के बारे में अच्छे से जानते हैं? अगर नहीं तो आज हम इस पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

ईशनिंदा का मतलब क्या है

ईशनिंदा का अर्थ है किसी धर्म या आस्था का मज़ाक उड़ाना। किसी भी धार्मिक प्रतीकों, चिह्नों, पवित्र वस्तुओं का अपमान करना, ईश्वर के प्रति सम्मान की कमी या पवित्र या अदृश्य मानी जाने वाली किसी भी चीज़ के प्रति अनादर को ईशनिंदा कहा जाता है। ईशनिंदा को लेकर कई देशों में अलग-अलग कानून हैं। कई देशों में तो इसके लिए मौत की सजा तक का प्रावधान है।

क्या है ईशनिंदा कानून

साल 2015 में शोध संस्थान प्यू रिसर्च ने एक रिपोर्ट जारी की थी। जिसके मुताबिक, दुनिया के 26 फीसदी देशों में धर्म का अपमान करने से जुड़े कानून हैं, जिसके तहत सजा का प्रावधान है। इनमें से 70 प्रतिशत देश मुस्लिम बहुल देश हैं। आपको बता दें कि इन देशों में ईशनिंदा के आरोप के तहत जुर्माना और जेल की सजा का प्रावधान है। लेकिन सऊदी अरब, ईरान और पाकिस्तान में ईशनिंदा के अपराध के लिए मौत की सजा का प्रावधान है।

हिंदुओं के लिए कैसी सज़ा?

आपको बता दें कि भारत में ईशनिंदा से जुड़ा कोई कानून नहीं है। हालांकि भारत में कई बार ईशनिंदा कानून बनाने की मांग उठ चुकी है, लेकिन अब तक ऐसा कोई कानून लागू नहीं किया जा सका है। लेकिन अगर कोई हिंदू या किसी भी धर्म का व्यक्ति किसी अन्य देश में, जहां ईशनिंदा कानून लागू है, ऐसी घटना को अंजाम देता है, तो उस व्यक्ति को उस देश के अनुसार सजा दी जाएगी।