Loan नहीं भरने पर रिकवरी एजेंट्स नहीं कर सकते परेशान! जान लें RBI के ये गाइडलाइंस….

Loan Recovery : आजकल हर कोई अपने जरूरी काम के लिए या शादी या बच्चों की पढ़ाई के लिए बैंकों या वित्तीय संस्थान से लोन लेता है। लोन लेने के बाद उसकी हर महीने उसकी किस्त चुकाना भी जरूरी होता है। लेकिन अगर लोन चुकाने के लिए आपको रिकवरी एजेंट या बैंक का कोई कर्मचारी परेशान कर रहा है और आपका हरासमेंट करता है तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। आपको बता दे कि RBI के द्वारा ग्राहकों को भी कुछ अधिकार दिए गए हैं जिसके तहत रिकवरी एजेंट या बैंक कर्मचारियों के खिलाफ शिकायत कर सकते हैं।

RBI भी दे चुका है चेतावनी

हाल ही में RBI ने भी इस मामले में बयान देते हुए बैंकों के कर्मचारियों और रिकवरी एजेंटों को अपना व्यवहार सुधारने की चेतावनी दी है। बैंक लोन (Bank Loan) लेने वाले ग्राहकों को धमकाने, प्रताड़ित करने, निजी डाटा (Personal Data) के दुरुपयोग की घटनाओं को रोकने का प्रयास करने को पहले भी कहा गया है। RBI द्वारा अब बैंकों और वित्तीय संस्थानों के लिए नया सर्कुलर जारी किया गया है।

रिकवरी एजेंट की करें शिकायत

अगर आपको बैंक का रिकवरी एजेंट (Loan Recovery) बार-बार किस्त देने के लिए परेशान करता है या फिर डराता है तो आप इसकी शिकायत कर सकते हैं। RBI के नियमों के अनुसार अगर कोई बैंक ग्राहक को लोन की राशि चुकाने (Loan Recovery) के लिए परेशान करता है या धमकी देता है तो इसकी शिकायत ग्राहक पुलिस थाने में कर सकते है और पेनल्टी की मांग कर सकते है।

क्या है नियम

अगर आप लोन की EMI नहीं चुकाते है तो बैंक आपको सबसे पहले एक रिमाइंडर भेजता है। होम लोन की 3 किस्त नहीं चुकाने पर बैंक आपको एक कानूनी नोटिस भेजेगा। घर चेतावनी के बाद भी EMI नहीं दी गई तो बैंक आपको डिफाल्टर घोषित कर देगा। इसके बाद बैंक ग्राहक से लोन की रिकवरी शुरू करता है।

ऐसे होती है लोन रिकवरी

अगर कोई व्यक्ति लोन नहीं चुकाता है तो बैंक पहले नॉन-ज्यूडिशियल रूट और दूसरा ज्यूडिशियल प्रोसेस का सहारा लेती है। RBI के नियम के अनुसार रिकवरी (Loan Recovery) के दौरान ग्राहकों के कानूनी अधिकारों और दायित्वों का सम्मान किया जाना चाहिए।

ऐसे करें शिकायत

अगर आपको बैंक या रिकवरी एजेंट किस्त देने के लिए डराता या धमकाता है तो आप इसकी शिकायत कर सकते है। लोन की किस्त ना चुका पाना सिविल विवाद के दायरे में आता है। ऐसे में डिफॉल्टर के साथ बैंक या उसका कोई रिकवरी एजेंट अपनी मनमानी नहीं कर सकता है। बैंक का ऑफिसर या रिकवरी एजेंट डिफॉल्टर को सुबह 7 बजे से लेकर शाम 7 बजे के बीच में ही कॉल कर सकता है। जबकि घर पर मिलने का भी यही समय होगा। अगर बैंक के कर्मचारी या एजेंट इन नियमों का पालन नहीं करते है तो आप इसकी शिकायत कर सकते है।

RBI के दिशानिर्देश

  • बैंक पहले ही ग्राहकों को वसूली एजेंसी (बैंक या वित्तीय सस्थान) के विवरण के बारे में सूचित करें।
  • बैंक एजेंट को डिफॉल्टर से मिलते समय प्राधिकरण पत्र और बैंक के नोटिस की कॉपी साथ रखनी होगी।
  • अगर लोन लेने वाले व्यक्ति ने इस बारे में शिकायत की है तो बैंक द्वारा संबंधित मामले में रिकवरी एजेंट को तब तक भेजने की मंजूरी नहीं है जब तक इसका हल नहीं निकल जाता।
  • बैंकों को इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि वसूली प्रक्रिया के संबंध में उधारकर्ताओं की शिकायत का सही समाधान किया जायेगा।