आखिर कितने प्रकार के होते हैं Driving License? महत्व को समझने के लिए जान लें इनके काम….

Types Of Driving Licenses : भारत में अगर कोई भी गाड़ी या बाइक चलाता है तो उसे चलाने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस की जरूरत पड़ती है। अगर कोई ड्राइविंग लाइसेंस के बिना गाड़ी चला रहा है तो उसे जेल और जुर्माना दोनों हो सकता है।

कई बार तो व्यक्ति का ड्राइविंग लाइसेंस रद्द कर दिया जाता है और गाड़ी जब्त कर ली जाती है। इसलिए आज हम आपको बताने वाले हैं कि ड्राइविंग लाइसेंस कितने प्रकार के होते हैं और उनके क्या काम होते है?

भारत में ड्राइविंग लाइसेंस के प्रकार

भारतीय सड़कों पर कई प्रकार के वाहन चलाते हैं और इन्हें चलाने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस की जरूरत होती है। भारत में 4 प्रकार के ड्राइविंग लाइसेंस बनाए जाते हैं। इसलिए आज इस आर्टिकल की मदद से हम क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण द्वारा जारी किए गए विभिन्न प्रकार के ड्राइविंग लाइसेंसों पर चर्चा करेंगे।

  1. Learner’s License : लर्निंग लाइसेंस क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण की तरफ से जारी किया गया एक अनुमति पत्र है जो कि आपको सड़क पर किसी जानकारी व्यक्ति जिसके बाद खुद का पक्का लाइसेंस हो, उनकी निगरानी में आपको गाड़ी चलाने की अनुमति देता है। लेकिन यह लाइसेंस केवल 30 दिनों के लिए ही वैलिड रहता है।
  2. Permanent Driving License : लर्नर लाइसेंस हासिल करने के 30 दिनों के बाद कोई भी व्यक्ति परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन करने का हकदार बन जाता है। जिस व्यक्ति को परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस मिल जाता है, वह पूरे भारत में गाड़ी चलाने का हकदार हो जाता है।
  3. Commercial Driving Licence : यह एक विशेष ड्राइविंग लाइसेंस है, जो उन व्यक्तियों को जारी किया जाता है जो यात्रियों या सामानों के परिवहन जैसे व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए भारी मोटर वाहन, मध्यम मोटर वाहन और हल्के माल परिवहन मोटर वाहन चलाते हैं।
  4. International Driving License : ये परमिट उन लोगों को दिया जाता है जो विदेशों में गाड़ी चलाना चाहते है। यह परमिट प्रमाणित करता है कि व्यक्ति के पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस है और वह विदेश में गाड़ी चलाने के योग्य है।