देश के इस राज्य में मिलती है सबसे ज्यादा दिहाड़ी मजदूरी- भूल जाएंगे सरकारी नौकरी!
आज के समय में भारत में ही अलग-अलग राज्यों के मजदूर एक दूसरे राज्य में जाकर नौकरी करते हैं और उन्हें नौकरी के बदले में दिहाड़ी के तौर पर या फिर महीने के रूप में सैलरी दी जाती है. जिस पर उनका पूरा घर निर्भर होता है और उनका भी खर्चा इस शैली में जुड़ा हुआ होता है.
ऐसे में अलग-अलग राज्यों में दिन के हिसाब से मिलने वाली सैलरी यानी की दिहाड़ी ₹300 से शुरू हो जाती है. लेकिन आज हम आपको बताने वाले हैं कि कुछ ऐसे राज्य हैं. जहां हर रोज मिलने वाली दिहाड़ी इतनी है कि लोगों को सरकारी नौकरी करने की जरूरत नहीं पड़ती है.
दरअसल, हम सभी इस बात को जानते हैं कि भारत में एक बड़ा वर्ग किसान और मजदूर वर्ग का है जो हर रोज खेतों में काम कर और दिहाड़ी करके अपना पेट भरता है इतना ही नहीं अपने बच्चों की पढ़ाई और अपने परिवार का खर्च भी उसी खर्चे में चलता है.
लेकिन भारत में दिहाड़ी करने वाले मजदूरों को हर रोज मिलने वाली दिहाड़ी उतनी नहीं होती है कि, जितने भी उनका खर्च चल सके लेकिन भारत का एक ऐसा राज्य है. जहां पर मजदूरों को दिल खोलकर सैलरी दिया जाता है.
ये है वो राज्य
हम जिस राज्य की बात कर रहे हैं वह उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, हरियाणा नहीं बल्कि केरल है. जहां के मजदूरों को सबसे अधिक दिहाड़ी दी जाती है. आरबीआई के एनुअल हैंडबुक रिपोर्ट्स के माने तो केरल में मजदूरों को हर रोज 838 रुपए देने का दावा किया जाता है, ऐसे में सालाना तौर पर उन्हें 1,94,767 रुपए कमाने का मौका मिल ता हैं.