Bank Maintain Charge : देशभर में स्थित प्रत्येक बैंक अपने ग्राहकों से कई तरह का चार्ज वसूल करते है ग्राहकों को मुख्य रूप से मेंटेनेंस चार्ज के बारे में बताया जाता है लेकिन इस चार्ज के अलावा और भी कई प्रकार के चार्ज होते हैं जिनके बारे में ग्राहकों को विस्तृत जानकारी नहीं होती है
इसके साथ ही कई लोगों को यह भी लगता है कि सिर्फ प्राइवेट बैंक के द्वारा इस तरह के चार्ज की वसूली की जाती है लेकिन ऐसा नहीं है देश भर में स्थित हर सरकारी बैंक के द्वारा भी अलग-अलग प्रकार से कई चार्ज लगाए जाते हैं
हाल ही में वित्त मंत्रालय के द्वारा कुछ आंकड़े जारी किए गए जिनके अनुसार देश भर में स्थित सरकारी बैंकों ने पिछले 5 सालों में अपने ग्राहकों से 8500 करोड रुपए चार्ज के रूप में एकत्रित किए
. मिनिमम बैलेंस मेंटेन ना रखने पर लगता है चार्ज
जब कभी बैंकों द्वारा चार्ज लगाने की बात आती है तो सबसे पहले मिनिमम बैलेंस मेंटेन चार्ज के बारे में बात की जाती है प्राइवेट बैंक के साथ-साथ सरकारी बैंक भी कई तरह के चार्ज वसूल करती है पूरे देश में कुल मिलाकर 12 सरकारी बैंक ऐसे हैं जो आज भी अपने ग्राहकों से चार्ज की वसूली करते हैं
कुछ साल पहले तक भारतीय स्टेट बैंक भी अपने ग्राहकों से मिनिमम बैलेंस मेंटेन ना रखने पर चार्ज की वसूली करता था लेकिन साल 2019-20 में भारतीय स्टेट बैंक ने यह चार्ज हटा दिया
.करेंट अकाउंट होने पर लगता है ज्यादा चार्ज
यदि किसी सरकारी बैंक में आपका सेविंग अकाउंट है तो मिनिमम बैलेंस न होने पर आपको ₹200 तक का चार्ज देना पड़ सकता है लेकिन अगर किसी सरकारी बैंक में आपका करंट अकाउंट होता है और उसमें आपका मिनिमम बैलेंस मेंटेन नहीं है तो आपको ₹400 तक चार्ज देना पड़ेगा