डेस्क : बिहार में यदि आप घर बनाने की सोच रहे हो तो ये खबर आपके लिए है। दरअसल राज्य में बालू की कीमत सस्ता होने वाला है। मिली जानकारी मुताबिक बिहार के 10 जिलों में बालू खनन का काम शुरू हो गया है।
इस बार सरकार ने रेत खनन की नई नीति अपनाई है, जिसमें नदी घाटों पर छोटे-छोटे क्लस्टर बनाकर उनकी नीलामी की गई है। खास बात ये है कि इस बार खनन के दौरान सरकार ने आम जनता को कुछ अहम काम सौंपे हैं, जानिए क्या है वो काम।
नई नीति के तहत खनन की कड़ी निगरानी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जाएगा। खनन क्षेत्रों में जीपीएस व सीसीटीवी कैमरे लगाने तथा धर्मकांटा लगाने का भी निर्देश दिया गया है। बता दें कि पटना, रोहतास, औरंगाबाद, जमुई, लखीसराय, भोजपुर, अरवल, गया, नवादा और बांका जैसे दस जिलों में खनन की इजाजत दी गई है। अवैध खनन रोकने के लिए अधिकारियों की संयुक्त टीमें गठित की जा रही हैं।
सख्त निगरानी एवं कार्यवाही
यदि कोई खनन संबंधी नियमों का उल्लंघन करेगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। खनन क्षेत्रों की वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी करायी जायेगी, ताकि न्यायिक प्रक्रिया में इसे साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत किया जा सके। वहीं बिहार सरकार के खान एवं भूतत्व मंत्री डॉ. रामानंद यादव ने कहा कि अवैध खनन, बिक्री और परिवहन को रोकने के लिए वाहनों में जीपीसी लगाने और चेकपोस्ट बनाने जैसे कदम उठाए गए हैं।
सार्वजनिक भागीदारी
सरकार ने जनता से अपील की है कि वे इस प्रक्रिया में सहयोग करें और अवैध खनन की सूचना तुरंत प्रशासन को दें। इसके लिए हेल्पलाइन नंबर और ईमेल आईडी जारी किए गए हैं। जनता की सक्रिय भागीदारी से ही खनन क्षेत्र में सुधार संभव है। इस नई नीति के तहत सरकार नदी घाटों की सुरक्षा और संरक्षण सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही है।