Kakolat Waterfall: बिहार के प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों में शामिल नवादा के ककोलत जलप्रपात को अब और आकर्षक बना दिया गया है। यहां पर्यटक अब सुगमता के साथ पहुंच भी सकेंगे। इस कारण माना जा रहा है कि अब यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को अपनी यात्रा के दौरान इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के भी निर्देश दिए। नवादा जिले के गोविंदपुर प्रखंड स्थित ककोलत जलप्रपात प्रकृति का बिहार को मिला अनुपम उपहार है। यहां पर्यटक आते जरूर थे, लेकिन सुविधाओं के अभाव में वे यहां पूरी तरह आनंद नहीं ले पाते थे।
ककोलत का नैसर्गिक जलप्रपात, आस पास के हरे भरे जंगल और प्राकृतिक सौंदर्य पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को यहां पर्यटकीय सुविधाओं का शिलापट्ट का अनावरण कर एवं फीता काटकर इसका लोकार्पण किया और पर्यटकों को दी जा रही सुविधाओं का जायजा लिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ककोलत जलप्रपात के आकर्षण में प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में लोग यहां आते हैं, लेकिन ककोलत में पर्यटकीय सुविधाओं का अभाव था। मुख्यमंत्री के निर्देश पर 2022 में ककोलत जलप्रपात में पर्यटकों के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए कई कार्य प्रारंभ किये गये। उन्होंने कहा कि ककोलत जलप्रपात में इको टूरिज्म सुविधाओं के विकास कार्य का लोकार्पण होने से पर्यटकों को प्राकृतिक खूबसूरती का आनंद लेने में सहूलियत होगी।
पहले ककोलत में पहाड़ चढ़ते वक्त हमेशा पत्थरों के गिरने की संभावना बनी रहती थी, इसके कारण लोग नियमित रूप से झरने तक नहीं पहुंच पाते थे और उन्हें चोट लगने का डर रहता था, इसलिए यहां सर्वप्रथम स्टोन स्टेबलाइजेशन का कार्य कराया गया, इसमें गिरने वाले पत्थरों को लोहे के जाल से बांध दिया गया है। अब पत्थर गिरने की संभावना खत्म हो गयी है।
ककोलत जलप्रपात तक पहुंचने के लिए सीढ़ी का निर्माण कराया गया है। झरने के नीचे वाले तालाब का पुनर्निर्माण कराया गया है और इसमें सीढ़ी भी बनायी गयी है, इससे लोग आसानी से इसमें उतरकर नहा सकेंगे। ककोलत में पत्थरों को काटकर आकर्षक भव्य मुख्य द्वार, 6 कैफेटेरिया, सेल्फी प्वाइंट, प्रशासनिक भवन, शौचालय, टिकट काउंटर, लाउंज और पर्यटन सूचना केंद्र और पानी का कुंड भी बनाया गया है। यहां ईको टूरिज्म सुविधाओं एवं अन्य विकास कार्यों के चलते इसे लोगों के लिए बंद कर दिया गया था, अब यहां पर सभी ईको टूरिज्म सुविधायें विकसित हो चुकी है। –आईएएनएस एमएनपी/सीबीटी