बिहार : जमीन रजिस्ट्री करने के बदल गए नियम, जानिए- क्या है नया नियम….

डेस्क : पटना में जमीन प्लॉटिंग को लेकर एक सख्त निर्देश दिया गया है। राज्य के शहरी निकाय या शहर से स्टेट स्टोआ क्षेत्र (आयोजना क्षेत्र) में जमीन की प्लॉटिंग ( LandPlotting) के लिए 20 फीट सड़क आवश्यक है। जमीन के पंजीकरण में इस सड़क का उल्लेख करते हुए निबंध की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।

नगर विकास एवं आवास विभाग ने इस संबंध में मैडी निषेध, उत्पाद एवं निबंध विभाग के सचिव को पत्र लिखकर इसमें शामिल करने का आग्रह किया है। इसमें यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि किसी भी कारण से ऐसा संभव नहीं है तो संबंधित शिक्षकों का लिखित विवरण या अनापत्ति के बाद ही रजिस्ट्रीकरण की अनुमति दी जाएगी।

विभाग ने अपने पत्र में लिखा है कि प्राथमिकता: देखा जा रहा है कि ग्रामीण क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले नए क्षेत्र या कम विकसित कार्यक्रम क्षेत्र के तहत आंध्र प्रदेश में ले-आउटपुट के डिविजनल मशीनरी बिना प्लॉटिंग के आधार पर कंपनियों की खरीद-फरोख्त की जा रही है।

यह भी देखा जा रहा है कि इन इलाकों में अलग-अलग प्लॉट की बिक्री बिना रीच पाथ या बहुत कम चौड़ी सड़क के छोड़ी जा रही है। निर्माण भवन में स्ट्रीट की लंबाई के आधार पर न्यूनतम चौड़ाई का पहले से विधान किया गया है, जिसमें सड़क की न्यूनतम चौड़ाई नौ मीटर है।

इसमें कहा गया है कि राज्य के सार्वजनिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम में प्लॉटिंग के लिए प्लॉटिंग के सामने कम से कम 20 फीट चौड़ी सड़क अनिवार्य होगी। इसे निर्देशित करने के लिए सभी निबंधों का अनुरोध किया गया है, ताकि इसका उपयोग किया जा सके।

पटना का मास्टरप्लान अब 2041 तक हो जायेगा तैयार

पटना के मास्टर प्लान-2031 को अपडेट कर अगले दस साल के लिए बढ़ा दिया गया है। पटना मेट्रोपॉलिटन एरिया अथॉरिटी ने अब 2041 तक की अवधि के लिए मास्टर प्लान तैयार करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

वर्तमान पटना मास्टर प्लान 2031 के कार्यान्वयन में व्यावहारिक और तकनीकी कठिनाइयों को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है।अद्यतन मास्टर प्लान में, भूमि को दस प्रकारों में वर्गीकृत किया जाएगा। इसमें आवासीय, वाणिज्यिक, औद्योगिक, संस्थागत, सार्वजनिक उपयोगिता भवन, परिवहन और उपयोगिताएँ, कृषि, हरित पट्टी, विशेष क्षेत्र और मिश्रित भूमि उपयोग शामिल हैं।