Bageshwar Dham: बार-बार बिहारियों को पागल क्यों कह रहे थे धीरेंद्र शास्त्री ? जाते- जाते बताया पागल कहने का मतलब, जानें

Bageshwar Dham : बिहार में बिते कई दिनों से ‘पागल’ शब्द पर खूब चर्चा हो रही थी. बागेश्वर धाम के बाबा ने बिहार में अपने आसपास उमड़ी भीड़ को देखकर एक बार बिहार के पागलों को बुला लिया और फिर कई बार उन्हें तरह-तरह की बातें करते सुना और देखा गया. कथा पढ़ते समय बाबा बोले, “कैसे हो बिहार के पागल… अगर हमें पता होता कि बिहार में इतने पागल हैं तो हम पहले आ जाते।”

अब बुधवार को बिहार में हनुमंत कथा की अंतिम संध्या में उन्होंने चलते-चलते ‘पागल’ की परिभाषा भी बता दी. उन्होंने यह परिभाषा इसलिए भी दी, क्योंकि राज्य के वन-पर्यावरण मंत्री और लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) ने उनके आने से पहले ही हवाई अड्डे पर रोकने की भी घोषणा कर दी थी।

बागेश्वर धाम सरकार के पंडित शास्त्री बुधवार को पटना आए थे। नौबतपुर में हनुमंत कथा के समापन के समय बताया गया कि उन्होंने बिहारियों की आस्था देखकर उन्हें पागल कह दिया था। परिभाषा भी दी थी – “जो परमात्मा को पाकर परमात्मा में लीन हो जाता है, वही पागल कहलाता है।” पंडित शास्त्री के इर्द-गिर्द बिहार के राजनेताओं की सक्रियता से कई बातें पैदा हुई हैं, जिनमें से सनातन मतदाताओं को जगाने और हिंदू राष्ट्र बनाने की बात निकली है, आगे बढ़ती भी दिखाई दे रही है।

यहां तक ​​कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी सनातन मतदाताओं के तिलक लगाने पर हिंदू राष्ट्र के संकल्प को पूरा करने के मुद्दे पर करारा जवाब दिया है। इस बीच तेज प्रताप यादव ने बिहारियों को पागल कहे जाने पर आपत्ति जताई थी, जिसका शास्त्री ने पटना छोड़ने से पहले जवाब दिया था।

तेज प्रताप यादव ने पंडित धीरेंद्र कृष्ण को आबा-टाबा कह दिया. इसके साथ ही उनको बाबा मानने से भी इनकार कर दिया. उन्होंने यह भी कहा था कि “कमाल है! बिहारियों को पागल कहते हैं। घूम घूम कर जब ये बातें पंडित धीरेंद्र शास्त्री के कानों तक पहुंचीं तो उन्होंने जाते-जाते स्पष्ट किया कि उनकी नजर में कौन पागल है और पागल क्यों बोल रहा है।