Begusarai News

बेगूसराय में डॉक्टर ने रच दिया चमत्कार: 6 महीने में जन्मे जुड़वा बच्चों को दी नई जिंदगी..

Begusarai News : बेगूसराय के सदर अस्पताल में डॉक्टर ने वो कर दिखाया जिसे राजधानी पटना के कई नामी डॉक्टरों ने असंभव बता दिया था। यह कहानी सिर्फ एक डॉक्टर की सूझबूझ और समर्पण की नहीं, बल्कि एक मां की ममता, पिता की उम्मीद और जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था में भरोसे की मिसाल है।

6 महीने में हुआ प्रसव

दरअसल, यह मामला सोनम (काल्पनिक नाम) की महिला से जुड़ा है, जो अपनी गर्भावस्था के सिर्फ 6वें महीने में ही अचानक दर्द के चलते अस्पताल पहुंची। पटना में इलाज के दौरान डॉक्टरों ने बताया कि समय पूर्व प्रसव होने वाला है, और इस स्थिति में बच्चों को बचा पाना मुश्किल होगा। डॉक्टरों ने नवजातों की बेहद कम उम्र और वजन को देखते हुए इलाज से हाथ खड़े कर दिए।

आखिरी उम्मीद बना बेगूसराय का सदर अस्पताल

जब पटना से कोई राहत नहीं मिली, तब परिजन बेगूसराय के सदर अस्पताल पहुंचे। यहां उन्होंने डॉ. कृष्ण कुमार का नाम पहले से सुन रखा था। जैसे ही अस्पताल पहुंचे, SNCU (स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट) के कर्मचारियों ने डॉक्टर को सूचना दी। डॉ. कृष्ण कुमार ने तुरंत बिना वक्त गंवाए इलाज शुरू कर दिया। फिर सोनम ने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया। एक बच्चा महज़ 700 ग्राम का था और दूसरा करीब 800 ग्राम का। सामान्य रूप से इतने कम वजन और समयपूर्व जन्मे नवजातों को बचाना किसी चुनौती से कम नहीं होता।

बेगूसराय में पल-पल की निगरानी, नवजात सुरक्षित

इस बारे में डॉ. कृष्ण कुमार ने बताया कि बच्चे बेहद सीरियस कंडीशन में थे। पटना से जब उन्हें लाया गया, तब उनकी हालत नाजुक थी, लेकिन सदर अस्पताल के SNCU में लगातार निगरानी और मेडिकल सहयोग के दम पर दोनों बच्चों की हालत अब स्थिर और सुरक्षित है। दोनों नवजातों को SNCU में विशेष निगरानी में रखा गया है और हर क्षण उनकी स्थिति पर नजर रखी जा रही है।

उम्मीद की मिसाल बना बेगूसराय

इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि बड़ी चिकित्सा सुविधा सिर्फ बड़े शहरों तक सीमित नहीं है। अगर डॉक्टर में जज़्बा हो, तो सीमित संसाधनों में भी बड़ी जानें बचाई जा सकती हैं। जहां पटना जैसे शहर के डॉक्टरों ने हाथ खड़े कर दिए, वहीं बेगूसराय के डॉक्टर ने असंभव को संभव कर दिखाया।

परिजनों की भावुक प्रतिक्रिया

बच्चों के पिता ने कहा, “जब पटना में हर ओर से निराशा मिली, तब बेगूसराय आकर डॉ. कृष्ण कुमार को ढूंढा। ये हमारी आखिरी उम्मीद थे और इन्होंने हमारी दुनिया बचा ली।”

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now