ये है Begusarai के रामानुज पासवान : अबतक पकड़ चुके हैं 5 हजार जहरीले सांप..

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Ramanuj Paswan of Begusarai : सांप का नाम सुनते ही लोगों के मन में डर बैठ जाता है. खासकर, ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी सांप को लेकर ज्यादा भय रहता है. क्योंकि मिट्टी और ईंट-खपरा के घर में अक्सर सांप अपना घर बना लेते हैं. लेकिन, जैसे ही लोगों को सांप नजर आता है उसे लाठी डंडे से पीट-पीट कर मार दिया जाता है. लेकिन, बेगूसराय के एक व्यक्ति ऐसे भी हैं जो सांप देखकर डरते नहीं बल्कि खुश हो जाते हैं.

दरअसल, बेगूसराय के बलिया प्रखंड अंतर्गत शिवनगर गांव निवासी रामानुज पासवान सांप को बेहद पसंद हैं. एक ओर जहां सांप देखकर लोग डरकर भाग जाते हैं, तो वही रामानुज पासवान सांप को बड़े प्यार से पड़कर उन्हें जंगल में छोड़ देते हैं. रामानुज ने अबतक करीब 5000 सांपों को बचाया है.

इधर, मंगलवार को रामानुज ने 6 रसेल वाइपर समेत 15 सांपों को पकड़कर जंगल में छोड़ा है. बताया जाता है कि बाढ़ के पानी में बहकर सांप पहुंच गए थे. इन सांपों को देखकर ग्रामीणों में डर और दहशत फैल गया था. जब रामानुज को इन सांपों के बारे में पता चला तो वो गांव पहुंचकर इन सांपों को पकड़ा. फिर जंगल में छोड़ दिया.

जानकारी के मुताबिक, पिछले महीने कई इलाकों में गंगा में जलस्तर बढ़ने पर बाढ़ आ गई थी. आपको जानकर हैरानी होगी कि इस बाढ़ के पानी में बलिया के शाहपुर, बहादुरनगर और शिवनगर गांव में एक माह के अंदर करीब 25 सांपों को अलग-अलग घर से रामानुज ने पकड़ा है.

रामानुज कहते हैं कि पर्यावरण के लिए सांपों का रहना आवश्यक है. इसलिए वह सांपों को पकड़कर उसे जंगल में छोड़ देते हैं. उन्होंने कहा की बचपन में एक बार उनके आंगन में एक सांप आ गया था और कौंवा उसे घेरे हुए था. तभी उन्होंने सांप की जान बचाई थी. जिसके बाद से उनका हौसला बढ़ा और अब तक वह करीब 5000 सांपों को पकड़ कर जंगलों में छोड़ा है..

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सुमन सौरब
सुमन सौरब

सुमन सौरब thebegusarai.in वेबसाइट में मार्च 2020 से कार्यरत हैं। लगभग 5 साल से डिजिटल मीडिया में काम कर रहे हैं। बिहार के बेगूसराय जिले के रहने वाले हैं। इन्होंने LNMU से स्नातक की डिग्री प्राप्त की है। अपने करियर में लगभग सभी विषयों (राजनीति, क्राइम, देश- विदेश, शिक्षा, ऑटो, बिजनेस, क्रिकेट, लाइफस्टाइल, मनोरंजन आदि) पर लेखन का अनुभव रखते हैं। thebegusarai.in पर सबसे पहले और सबसे सटीक खबरें प्रकाशित हों और सही तथ्यों के साथ पाठकों तक पहुंचें, इसी उद्देश्य के साथ सतत लेखन जारी है।

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