Begusarai News : बिहार में नई सरकार बनने के बाद लगातार दावा किया जा रहा है कि प्रदेश में खनन माफियाओं का कोई भविष्य नहीं है, लेकिन ज़मीन पर तस्वीर बिल्कुल अलग दिखाई दे रही है। बेगूसराय के बखरी-मंझौल अनुमंडल क्षेत्र में अवैध मिट्टी खनन पिछले कुछ हफ़्तों में तेज़ी से बढ़ा है। कई गाँवों में दिन-रात मशीनें चल रही हैं और प्रशासन उन्हें रोक पाने में नाकाम दिखाई दे रहा है।
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि खनन माफिया कभी सरकारी काम का बहाना बनाकर, कभी पंचायत प्रतिनिधियों के संरक्षण में और कभी ठेकेदारों के नाम पर अवैध खनन करवा रहे हैं। आरोप यह भी है कि कुछ स्थानों पर स्थानीय थाना पुलिस को साधकर पूरी प्रक्रिया को सुरक्षित बनाया जा रहा है।
सबसे चिंताजनक हालात मंझौल थाना क्षेत्र के पबरा पंचायत में दिख रहे हैं, जहाँ बूढ़ी गंडक नदी से महज़ 20–25 फीट की दूरी पर मिट्टी काटी जा रही है। यह न सिर्फ सरकार के आदेशों की अनदेखी है, बल्कि पर्यावरणीय नियमों का खुला उल्लंघन भी है। नदी के इतने पास खनन से कटाव और बाढ़ का खतरा बढ़ सकता है, फिर भी प्रशासन चुप्पी साधे हुए है।
स्थानीय लोगों का यह भी कहना है कि अधिकारी सबकुछ जानते हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जाती। पूरे इलाक़े में प्रशासन की भूमिका केवल देखने भर तक सीमित है। बूढ़ी गंडक के किनारे बसे लगभग हर पंचायत मंझौल, चेरियाबरियारपुर, खोदावंदपुर, छौड़ाही और नावकोठी की स्थिति एक जैसी है। इन क्षेत्रों को अब लोग खनन माफियाओं का रेड ज़ोन कहकर पुकारने लगे हैं।
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