Begusarai News : बिहार में चल रहे मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान को लेकर बेगूसराय की पूर्व विधायक अमिता भूषण ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने इसे एक स्कैम करार देते हुए कहा कि मतदाता सूची में हेराफेरी कर चुनावी नतीजों को प्रभावित करने की साजिश की जा रही है।
अमिता भूषण ने कहा कि ‘कानूनी और संवैधानिक रूप से मतदाता पुनरीक्षण एक नियमित प्रक्रिया है, जिसका मकसद मृत या अवैध नाम हटाकर योग्य नागरिकों के नाम शामिल करना होता है। लेकिन इस प्रक्रिया को हथियार बनाकर लोकतंत्र को हाईजैक किया जा रहा है।’
राहुल गांधी की प्रेस वार्ता का हवाला
उन्होंने दावा किया कि इस पूरे मामले की पोल कांग्रेस नेता राहुल गांधी पहले ही प्रेस कॉन्फ्रेंस में खोल चुके हैं। चुनाव आयुक्तों पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि- ‘जवाब देने की बजाय वे किसी विशेष दल के प्रवक्ता की तरह तर्क दे रहे हैं।’
हेराफेरी का आरोप- ’20 नाम काटे, 20 नकली जोड़े’
पूर्व विधायक ने मतदाता सूची में गड़बड़ी का तरीका समझाते हुए कहा कि एक विधानसभा में औसतन 350 बूथ होते हैं।
- प्रत्येक बूथ से लगभग 20 वास्तविक मतदाताओं के नाम काट दिए जाते हैं।
- उनकी जगह 20 ऐसे फर्जी नाम जोड़े जाते हैं जिनका कोई अस्तित्व ही नहीं है।
- मतदान के दिन इन्हीं फर्जी नामों पर वोट डलवाए जाते हैं।
उन्होंने दावा किया कि अगर हर बूथ पर 25 से 30 वोट इस तरह से इधर-उधर कर दिए जाएं, तो विधानसभा स्तर पर यह संख्या करीब 20 हजार हो जाती है, जो किसी भी सीट का परिणाम पलटने के लिए पर्याप्त है।
शहरी क्षेत्रों में ज्यादा गड़बड़ी
अमिता भूषण के अनुसार यह हेराफेरी शहरी क्षेत्रों में अधिक होती है, जहां लोग एक-दूसरे को कम जानते हैं। उन्होंने कहा- ‘बेगूसराय विधानसभा की जांच में ऐसे कई उदाहरण मिले हैं जहां जिंदा लोगों को मृत घोषित कर दिया गया, जबकि मृतकों के नाम सूची में बने हुए हैं। कई ऐसे नाम भी मिले जिनका कोई अस्तित्व ही नहीं है।’
BLO और पदाधिकारियों पर सवाल
उन्होंने बूथ स्तर के अधिकारियों (BLO) और पदाधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल उठाए। उनका कहना है कि 70 प्रतिशत BLO को संघ की शाखाओं से चुनकर जिम्मेदारी दी गई है, जबकि पदाधिकारी जनप्रतिनिधियों की चाकरी और चुनाव प्रचार में व्यस्त रहते हैं।
जल्द पेश करेंगी सबूत
पूर्व विधायक ने कहा कि कांग्रेस के पास अब ऐसे सैकड़ों प्रमाण हैं जिनसे मतदाता सूची में धांधली और वोट चोरी की पुष्टि होती है। उन्होंने ऐलान किया कि बहुत जल्द ये साक्ष्य सार्वजनिक किए जाएंगे। अमिता भूषण ने कहा- ‘लोकतंत्र की मजबूती का मूल आधार एक सटीक और पारदर्शी मतदाता सूची है। लेकिन दुर्भाग्यवश चुनाव आयोग इस सिद्धांत से हटकर अलग भूमिका निभा रहा है।’