Begusarai News : बेगूसराय जिले के नावकोठी प्रखंड के डफरपुर पंचायत और बेगूसराय प्रखंड के अझौर पंचायत को जोड़ने वाला बूढ़ी गंडक नदी पर बना छतौना पुल अब हादसों को दावत दे रहा है। 13 करोड़ 97 लाख 63 हजार रुपये की लागत से बना यह पुल 16 अगस्त 2021 को उद्घाटित हुआ था, लेकिन उद्घाटन के महज 3 साल बाद ही इसकी हालत जर्जर हो चुकी है।

ग्रामीणों का कहना है कि पुल निर्माण के समय ही रेलिंग में बड़े-बड़े गैप छोड़ दिए गए थे, जो अब गंभीर खतरा बन चुके हैं। बीच से एक रेलिंग भी टूट चुकी है। वहीं पुल के दोनों ओर बना एप्रोच पथ लगातार धंस रहा है। बरसात में मिट्टी बह जाने से जगह-जगह बड़ी दरारें और गड्ढे बन गए हैं। साइकिल और छोटे वाहन चलाना तक मुश्किल हो गया है।
बारिश में बह गया मरम्मत का ‘जुगाड़’
स्थानीय लोगों ने बताया कि खानापूर्ति के नाम पर गड्ढों के बगल में ईंट का राविश डाल दिया गया था, लेकिन बारिश में वह भी बह गया। परिणामस्वरूप कई छोटी-बड़ी दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें वाहन क्षतिग्रस्त और लोग घायल हुए हैं। ग्रामीण चेतावनी दे रहे हैं कि यदि प्रशासन ने तुरंत मरम्मत नहीं कराई तो किसी भी समय बड़ा हादसा हो सकता है।
लंबे संघर्ष के बाद बना पुल
यह पुल किसी जनप्रतिनिधि की कृपा से नहीं, बल्कि माननीय उच्च न्यायालय के आदेश और छतौना व नावकोठी के लोगों के समेकित प्रयास से बना। 2012 में इसका शिलान्यास हुआ और नौ साल बाद 2021 में उद्घाटन। यह पुल बखरी और बेगूसराय अनुमंडल को जिला मुख्यालय से जोड़ने वाली लाइफ लाइन माना जाता है।
अधिकारियों को दी गई शिकायत
ग्रामीण प्रतिनिधि और पंचायत जनप्रतिनिधियों ने कई बार इस एप्रोच पथ के जीर्णोद्धार की मांग की है। बीते 12 जून को नावकोठी प्रखंड की विकास योजनाओं की समीक्षा बैठक में भी डफरपुर पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि इंजीनियर रंजीत कुमार पमपम ने छतौना पुल और बांध की मरम्मत की मांग रखी थी। डीडीसी प्रवीण कुमार ने निरीक्षण कर मनरेगा से मिट्टी और ईंट सोलिंग कराने का आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक हालात जस के तस हैं।