Begusarai News : बिहार के जाने-माने सर्जन डॉ. उमेश प्रसाद सिंह रविवार रात को एक गंभीर सड़क हादसे का शिकार हो गए। यह हादसा NH-31 पर स्योनारा होटल के पास निर्माणाधीन फ्लाईओवर के समीप हुआ, जहां अंधेरे में सड़क के बीचों-बीच बंधी पतली रस्सी उनके गले में फंस गई। इससे वे संतुलन खो बैठे और सिर के बल गिर पड़े, जिससे उन्हें ब्रेन हेमरेज (Brain Hemorrhage) हो गया।
जानकारी के अनुसार, डॉ. उमेश प्रसाद सिंह एक पारिवारिक श्राद्ध कार्यक्रम में शामिल होने बाइक से निकले थे। रास्ते में हुई इस घटना के बाद उन्हें बेगूसराय से रेफर कर पटना के Mediversal Multi Super Specialty Hospital में भर्ती कराया गया है। उनकी हालत गंभीर बनी हुई है।
न कोई चेतावनी बोर्ड, न सुरक्षा बैरिकेड
स्थानीय लोगों के अनुसार, फ्लाईओवर निर्माणाधीन स्थल पर न तो कोई साइन बोर्ड, न चेतावनी लाइट, और न ही कोई सुरक्षा कर्मी मौजूद था। रात में इलाके में बिजली भी कटी हुई थी, जिससे अंधेरे में रस्सी नजर नहीं आ सकी। सवाल यह उठता है कि इस तरह की अव्यवस्था में आम नागरिक सुरक्षित कैसे रहेंगे?
प्रमुख सवाल जो प्रशासन को जवाब देना चाहिए:
- क्या NH-31 पर निर्माण कार्य कर रही एजेंसी की कोई जिम्मेदारी नहीं बनती?
- सड़क के बीचों-बीच बिना चेतावनी रस्सी बांधना किस नियम का हिस्सा है?
- रात में अंधेरे में बाइक सवारों के लिए सुरक्षा व्यवस्था क्यों नहीं की गई?
घटना के संबंध में स्थानीय लोगों ने बताया- “जब तक जान नहीं जाएगी, तब तक सिस्टम नहीं जागेगा?” ”प्रशासन को जिम्मेदारी तय करनी होगी, वरना ऐसे हादसे दोहराए जाएंगे।”
- निर्माण स्थल की लापरवाही की तत्काल जांच कराई जाए।
- संबंधित एजेंसी व ठेकेदार पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।
- भविष्य में सभी निर्माण स्थलों पर सुरक्षा बैरिकेड, संकेत बोर्ड और प्रकाश की अनिवार्यता लागू की जाए।
मालूम हो की डॉ. उमेश प्रसाद सिंह सिर्फ बेगूसराय ही नहीं, बल्कि पूरे बिहार के स्वास्थ्य जगत के लिए एक प्रतिष्ठित नाम हैं। उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना पूरे जिले में की जा रही है। यह हादसा सिर्फ एक व्यक्ति का नहीं, पूरे सिस्टम की लापरवाही का नतीजा है। सड़क सुरक्षा को लेकर सरकार और प्रशासन को ठोस कदम उठाने होंगे। एक डॉक्टर घायल हुए हैं, कल कोई आम नागरिक हो सकता है।