Begusarai News : बेगूसराय पुलिस की कथित लापरवाही का एक गंभीर मामला सामने आया है, जहां वारंटी की तलाश में पहुंची पुलिस ने उसके छोटे भाई को पकड़कर थाने की हाजत में बंद कर दिया। करीब नौ घंटे तक हाजत में रखने के बाद, जब मामला सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, तो पुलिस ने सत्यापन कर युवक को पीआर बॉन्ड पर रिहा किया। मामला बखरी थाना क्षेत्र के बागवन के अभुआर गांव का है।
जानकारी के मुताबिक, शनिवार रात पुलिस तीन गाड़ियों के काफिले के साथ गांव में वारंटी मनोज महतो की गिरफ्तारी के लिए पहुंची थी। लेकिन पुलिस ने मनोज की जगह उसके छोटे भाई अनुज कुमार को उठा लिया और थाने ले आई। अनुज बार-बार अपना आधार कार्ड दिखाकर अपनी बेगुनाही की दुहाई देता रहा, लेकिन किसी ने उसकी एक नहीं सुनी।
अनुज ने बताया कि पुलिस ने उसे कपड़े पहनने तक का मौका नहीं दिया और चौकीदार की मौजूदगी में जबरन वाहन में बैठाकर ले गई। उसने यह भी कहा कि गांव के चौकीदार को दोनों भाइयों की पहचान थी, इसके बावजूद पुलिस ने जल्दबाजी में कार्रवाई करते हुए उसे पकड़ लिया।
रात करीब 12 बजे अनुज को थाने लाकर हाजत में बंद कर दिया गया। इसी दौरान जब उसके परिजन पहचान पत्र लेकर थाने पहुंचे, तो उन्हें कहा गया कि सुबह कोर्ट में पेशी होगी। लेकिन रविवार सुबह जब इस पूरे मामले की जानकारी सोशल मीडिया पर फैलने लगी तो पुलिस हरकत में आई और आधार कार्ड से सत्यापन के बाद अनुज को सुबह करीब 9 बजे पीआर बॉन्ड पर रिहा कर दिया गया।
“गांव में वारंटी मनोज महतो के घर दबिश दी गई थी। वहां पर मौजूद महिलाओं और गांव के चौकीदार ने अनुज को ही मनोज बताया, इसी आधार पर उसे हिरासत में लिया गया। सुबह दोनों भाइयों के आधार कार्ड से मिलान करने के बाद अनुज को गलत पाते हुए छोड़ दिया गया। दोनों भाइयों का चेहरा लगभग एक जैसा है और घर पर आधार कार्ड नहीं दिखाया गया था।” – बखरी एसडीपीओ, कुंदन कुमार
हालांकि, पुलिस की यह कार्यशैली अब सवालों के घेरे में है। बिना पुख्ता जांच के एक निर्दोष को रात भर हाजत में रखने को लेकर अब पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए जा रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि आम नागरिक के मौलिक अधिकारों का भी हनन है।