बेगूसराय

“डॉक्टर साहब, मेरी पत्नी लौटा दो..” बेगूसराय के निजी अस्पताल की लापरवाही से शिक्षिका और नवजात की मौत…

Begusarai News : बेगूसराय के महिला कॉलेज रोड स्थित सृजन चिकित्सा क्लीनिक में मानवता को शर्मसार कर देने वाली घटना ने पूरे जिले को झकझोर कर रख दिया है। प्रसव के लिए भर्ती कराई गई महिला और उसके नवजात की मौत ने परिजनों को ऐसा ज़ख्म दिया है, जिसे शायद ही कभी भुलाया जा सके। मृतिका के पति कुमार गौरव, जो खुद एक शिक्षक हैं, ने फूट-फूटकर रोते हुए कहा –“डॉक्टर साहब, आप मेरी किडनी ले लेते… मैं जमीन-घर सबकुछ आपके नाम कर देता… बस मेरी पत्नी और बेटा को लौटा दो…”

दरअसल, लोहिया नगर थाना क्षेत्र निवासी कुमार गौरव अपनी गर्भवती पत्नी दीपा राय को प्रसव के लिए सृजन चिकित्सा क्लीनिक लेकर आए थे। उन्हें उम्मीद थी कि निजी क्लीनिक में बेहतर देखभाल होगी और उनकी पत्नी सुरक्षित डिलीवरी कर सकेगी। लेकिन हुआ ठीक उल्टा। परिजनों के अनुसार, अस्पताल ने इमरजेंसी फीस तो तत्काल ले ली, लेकिन महिला को देखने में 3 घंटे की देरी कर दी गई। जब तक दीपा को ऑपरेशन रूम में ले जाया गया, तब तक बहुत देर हो चुकी थी।

पहले नवजात की, फिर मां की मौत

ऑपरेशन के दौरान पहले नवजात की मौत हुई और फिर कुछ देर बाद दीपा राय की भी मौत हो गई। हैरानी की बात यह रही कि बिना परिजनों को सूचित किए, मृत महिला को एंबुलेंस में डालकर दूसरे अस्पताल भेज दिया गया, जहां डॉक्टरों ने स्पष्ट कर दिया कि महिला पहले से मृत थी।

शव को छिपाने की शर्मनाक हरकत

घटना यहीं नहीं रुकी- परिजनों ने आरोप लगाया कि मृत नवजात को डस्टबिन में फेंका गया। घंटों तक परिजन अस्पताल के कोने-कोने में बच्चे को ढूंढते रहे। अंततः एक कार्टून बॉक्स में पैक मृत नवजात को बरामद किया गया। यह दृश्य किसी भी इंसान की आत्मा को झकझोर देने वाला था। परिजनों का यह भी आरोप है कि जब वे अस्पताल स्टाफ से जवाब मांगने गए, तो उन्हें बदतमीज़ी और धमकी का सामना करना पड़ा। बाउंसर बुलाकर डराया गया और कुछ राशि देकर मामला रफा-दफा करने की भी कोशिश की गई

7 घंटे तक चला हाई वोल्टेज हंगामा

घटना की सूचना मिलते ही नगर थाना, मुफस्सिल थाना और रतनपुर थाना की पुलिस घटनास्थल पर पहुंची। गुस्साए परिजनों और स्थानीय लोगों के विरोध के कारण करीब 7 घंटे तक हंगामा चलता रहा। क्लीनिक के सभी डॉक्टर और स्टाफ मौके से फरार हो गए।

अब सवाल उठ रहा है कि जिले के निजी क्लीनिकों में इस तरह की मनमानी कब तक चलती रहेगी? क्या जिला प्रशासन ऐसे अस्पतालों पर सख्त कार्रवाई करेगा या फिर यह मामला भी दूसरे मामलों की तरह ठंडे बस्ते में चला जाएगा? इधर, मृतक महिला के परिजनों ने नगर थाना में डॉक्टरों के खिलाफ लापरवाही और हत्या जैसे गंभीर आरोपों के तहत आवेदन दिया है।

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