Friday, July 26, 2024
Nawkothi News

नावकोठी : परमात्मा अपने भक्तों के अहंकार को भी तोड़ते हैं:- डॉ राज मिश्रा

नावकोठी/बेगूसराय : प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत रजाकपुर पंचायत के चक्का ग्राम स्थित ठाकुड़वाड़ी के प्रांगण में चल रहे सात दिवसीय भागवत कथा के अन्तिम दिन गुरूवार की देर संध्या में कथा वाचक डॉ आचार्य राज मिश्रा ने कथा वाचन करते हुए कहा कि परमात्मा सब कुछ निर्धारित किए हुए हैं ।भगवान की लीला का आनंद लेना चाहिए। ईश्वर की कृपा से ही सब कुछ बनता और बिगड़ता है। अच्छा कर्म करते रहिए फल की कभी चिंता नहीं कीजिए।

जीत में भी भगवान हैं और हार में भी। ज्ञान व विवेक के बिना सारा धन बेकार है। उन्होंने श्रोताओं को संबोधित करते हुए कहा कि परमात्मा अपने निकट के भक्तों के अहंकार को भी तोड़ते हैं ।श्री कृष्णा वृंदावन से मथुरा चले जाते हैं।इधर गोपियां कृष्ण के वियोग में सुध बुध खो देती है। उद्धव के मन में अहंकार आता है कि वह वृंदावन जाकर गोपियों को मनाने में सफल हो जाएगा। कृष्ण उद्धव को गोपियों को मनाने एवं शांत करने के लिए भेजा।लेकिन उद्धव गोपियों को रंच मात्र भी डिगा नहीं सका। गोपियों ने उद्धव से कृष्ण को तुरंत लाने की बात कही। कृष्णा के बिना वह एक क्षण जीवित नहीं रह सकती है ।

उद्धव जब वहां से लौटकर श्री कृष्ण से मथुरा में मिले तो देखा कि सभी गोपियां कृष्ण के चारों तरफ खड़ी है ।वे अपने अहंकार पर लज्जित हो गए। कृष्ण को 16 हजार 108 रानियां और पटरानियां थीं ।एक दिन कृष्ण की रानियां राधा रानी से मिलने की इच्छा जताई। कृष्ण ने हां भरते हुए अपने पत्नियों को एक लोटा गर्म दूध लेते जाओ और राधा रानी से भेंट कर उसे पिला देना ।राधा रानी से मिलने के बाद पत्नियां उसके रूप को देखकर आश्चर्य चकित हो जाती है।

राधा रानी कृष्ण के द्वारा भेजे गए दूध को अमृत के रूप में पान करती है। उधर राधा रानी दूध पीती है इधर कृष्ण के पैर में छाले पड़ जाते हैं । पत्नियां राधा रानी से मिलकर कृष्ण के यहां आती हैं तो पैर में छाले देखकर कहती हैं यह क्या हुआ भगवन।कृष्ण कहते हैं कि राधारानी अपने हृदय में मेरे पैर को स्थान दिया है।जैसे ही गर्म दूध का पान किया मेरे पैर में छाले पड़ गए।वहीं कथावाचक भगवान कृष्ण के परम प्रिय मित्र सुदामा की कथा से भक्तों को भाव विभोर कर दिया।कथा को गीत और संगीत से रोचक बनाने में अखिलेश शुक्ला,शिवम शुक्ला, गोविंद, दिनेश मिश्रा का योगदान काफी बेहतर रहा।कार्यक्रम के आयोजक रामचंद्र सिंह, विनोद सिंह,राकेश सिंह, रविशंकर सिंह, इंद्रेश कुमार सिंह,पवन कुमार सिंह,सत्यनारायण सिंह, मनोज सिंह, विकास कुमार सिंह, अंगद सिंह, राजकुमार सिंह आदि ने भागवत कथा में भाग लिया।