Friday, July 26, 2024
Auto

Car Insurance : जानवर से टक्कर या एक्सीडेंट होने पर मिलेगा इंश्योरेंस का पैसा? जानें- क्या है नियम

Animal Attack Covered in Car Insurance: सड़क हो या फिर खेत हर जगह छुट्टा जानवरों की समस्या बनी हुई है. आवारा घूम रहे सड़कों पर जानवर खेतों के अलावा एक्सीडेंट की बड़ी वजह बन रहे हैं. आए दिन दो-चार मामले सामने आ ही जाते हैं जहां जानवरों से टकराने की वजह से एक्सीडेंट हो जाता है.

हालांकि ऐसी स्थिति में जानमाल का खतरा बना रहता है, लेकिन इस एक्सीडेंट में गाड़ियों पर जानवरों द्वारा किया गया अटैक से काफी नुकसान हो जाता है पर पहले से गाड़ियों पर किया गया इंश्योरेंस (Car Insurance) क्या इंश्योरेंस कंपनी देती है या फिर नहीं आई जानते हैं.

हर रोज सड़कों पर मिल जाएंगे आवारा पशु

आज के समय में इंडिया के सड़कों पर चलते हुए राह में 200 मीटर की दूरी पर आवारा पशु गाय, सांड, कुत्ते, बंदर, भैंस देखने को मिल रहे हैं. लोग जितना एक दूसरे के गाड़ी से नहीं टकरा रहे हैं उतना इन आवारा जानवरों से टकराकर एक्सीडेंट का शिकार हो जा रहे हैं.

ऐसी स्थिति में लोगों का नुकसान तो होता ही है, लेकिन उनकी कर का भी एक्सीडेंट होने की वजह से भारी नुकसान हो जाता है. जिसे बनवाने के लिए भारी खर्च उठाना पड़ता है, लेकिन सवाल उठता है कि क्या जानवरों को टक्कर मारने वाले मामले में गाड़ी मालिक को राहत मिल सकती है या नहीं?

बीमे से मिल जायेगा पैसा

इंडिया में मौजूद अधिकतर बीमा कंपनियां जानवरों से हुए एक्सीडेंट को कॉम्प्रिहेंसिव इंश्योरेंस पॉलिसी में जोड़ती हैं. जबकि थर्ड पार्टी इंश्योरेंस में जानवरों से हुआ एक्सीडेंट किसी भी प्रकार कवर नहीं किया जाता है. अगर आपको भी जानवरों से एक्सीडेंट होने का डर है तो आप भी कंप्रिहेंसिव इंश्योरेंस प्लान खरीद सकते हैं.

जानवरों से ऐसे होता है नुकसान

  • बीच रास्ते में बैठे जानवर को सुरक्षित बचाने के लिए ड्राइवर दूसरी किसी चीज से टकरा जाता है, जिसकी भरपाई बीमा कंपनी खुद करती है.
  • घर पर पाला हुआ जानवर कुत्ता, बिल्ली, बंदर सीट को चलकर खराब कर देता है, तो उसकी भरपाई भी बीमा कंपनी करती है.
  • सबसे बड़ा नुकसान अगर कोई चिड़िया कार के अंदर चली जाती है, तो वह कार को बड़े पैमाने पर डैमेज कर सकती है.

कॉम्प्रिहेंसिव इंश्योरेंस पॉलिसी क्या है?

कॉम्प्रिहेंसिव इंश्योरेंस पॉलिसी में कई तरह की अलग-अलग कंडीशन को कवर कर दिया जाता है. जबकि थर्ड पार्टी में इस तरह ही कोई बेनिफिट नहीं दिया जाता है. यानी कि आपकी गाड़ी हाथ से या फिर किसी भी प्रकार की डैमेज को कॉम्प्रिहेंसिव इंश्योरेंस पॉलिसी में कवर किया जा सकता है. जबकि ऐसी पॉलिसी थर्ड पार्टी इंश्योरेंस में नहीं होती है, इसीलिए यह पॉलिसी फायदेमंद साबित हो सकती है.

Vivek Yadav

विवेक यादव डिजिटल मीडिया में पिछले 2 सालों से काम कर रहे हैं. thebegusarai में विवेक बतौर कंटेंट राइटर कार्यरत हैं. इससे पहले 'एमपी तेजखबर' के साथ इन्होंने अपनी पारी खेली है. विवेक ऑटो, टेक, बिजनेस, नॉलेज जैसे सेक्शन में लिखने में इनकी विशेष रुचि है. इन्होंने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय से अपनी स्नातक की पढ़ाई की है। काम के अलावा विवेक को किताबें पढ़ना, लिखना और नई जानकारी जुटना काफी अच्छा लगता है।