अपने पेट्रोल-डीज़ल वाली कार को CNG में कराएं कन्वर्ट- मिलेगी 3 गुना ज्यादा माइलेज, जानें – कितना खर्चा होगा….

Convert Diesel Car To CNG : पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों के कारण बहुत से लोग सीएनजी कारों की ओर रुख कर रहे हैं। ये कारें न सिर्फ चलाने में किफायती हैं, बल्कि पर्यावरण को भी कम नुकसान पहुंचाती हैं। बाजार में ऐसी कई कारें हैं जो सीएनजी मॉडल के साथ आती हैं या सीएनजी किट फैक्ट्री फिटेड होती हैं। ऐसे में पेट्रोल कार चलाने वाले चालक अगर सीएनजी कार भी चाहते हैं तो तुरंत नई कार खरीदना संभव नहीं है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक ऐसा तरीका भी है जिससे आप अपनी पेट्रोल कार को सीएनजी में कन्वर्ट कर सकते हैं।

अपनी पेट्रोल कार को सीएनजी कार में बदलने के लिए आप उसमें सीएनजी किट लगवा सकते हैं। बता दें कि केंद्र सरकार ने इसकी मंजूरी भी दे दी है, जिसमें 3.5 टन से कम वजन के वाहनों में इस किट को लगाया जा सकता है। इसके लिए आपको नीचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो करना होगा।

मॉडल के अनुसार किट का चयन करें : आपके वाहन में सभी प्रकार की सीएनजी किट नहीं लगाई जा सकती हैं। एक प्रकार की कार में, उससे मेल खाती हुई किट ही लगाना बेहतर होता है। इसलिए अपने वाहन के हिसाब से किट ढूंढने की कोशिश करें। बाजार से किट खरीदते वक्त इस बात का भी ध्यान रखें कि वह सरकार द्वारा तय किए गए सीएनजी नॉर्म्स पर भी आधारित हो।

किट खरीदते समय इन बातों का रखें ध्यान : अगर आपको अपने वाहन के हिसाब से सीएनजी किट मिली है तो इस बात का भी ध्यान रखें कि इसे रजिस्टर्ड डीलर से ही खरीदें। साथ ही यह भी सुनिश्चित कर लें कि आप जो सीएनजी किट खरीदने जा रहे हैं वह असली है या नहीं।

सरकार से लेनी होगी मंजूरी : अगर कार में सीएनजी किट लगानी है तो इसके लिए भी सरकार से मंजूरी लेनी होती है। सरकार यह जांच करती है कि आपकी कार सीएनजी के अनुकूल है या नहीं। इसके बाद स्वीकृति दी जाती है। सीएनजी किट के लिए रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट को रिन्यू कराना होता है, जिसके बाद आपकी डॉक्युमेंटेशन प्रोसेस पूरी हो जाती है।

अंतिम चरण सीएनजी किट लगाने का है। इसके लिए किट को प्रशिक्षित मैकेनिक के पास ले जाना होता है। जहां मैकेनिक उसे ठीक से फिट कर देता है। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि इसे खुद से लगाने की कोशिश न करें। इस गैस का इस्तेमाल सीएनजी कारों को चलाने में होता है। इसलिए अगर इस किट को सही तरीके से नहीं लगाया गया तो यह ड्राइवर और गाड़ी में सवार लोगों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।