ये है दुनिया का अंतिम छोर- यहां 6 महीने रहता है दिन और 6 महीने रात, जानें- कैसे जीते हैं लोग…

डेस्क : भारत में आप 12 घंटे का दिन और 12 घंटे की रात देखते हैं, यहां लोगों के लिए 12 घंटे की रात भी कम पड़ जाती है। आपको जानकर हैरानी होगी कि धरती पर एक जगह ऐसी भी है जहां पर 12 घंटे की नहीं बल्कि 6 महीने की रात होती है।

जी हां, इस जगह पर 6 महीने रात और 6 महीने दिन होता है। यह बिल्कुल सच है। ये जगह बेहद खूबसूरत है। लेकिन यहां रात 6 महीने तक रहती है। अब आप सोच रहे होंगे कि यहां के लोग कैसे रहते हैं और कब सोते हैं? ऐसे कई सवाल आपके मन में हैं, तो ये आर्टिकल आपके लिए ही है। आइए इसे विस्तार से जानते हैं।

इस जगह पर 6 महीने की होती है रात

अंटार्कटिका एक ऐसी जगह है जहां केवल 2 मौसम होते हैं सर्दी और गर्मी। इसके साथ ही यहां 24 घंटों में दिन और रात में कोई बदलाव नहीं होता है। बल्कि यहां साल के 6 महीने अंधेरे में डूबे रहते हैं और बाकी 6 महीने रोशनी यानी दिन में रहते हैं।

अंटार्कटिका में सर्दी के मौसम में अंधेरा और गर्मियों में रोशनी रहती है। जैसा कि आप सभी जानते हैं कि पृथ्वी अपनी धुरी पर टेढ़ी-मेढ़ी घूमती है। यही कारण है कि अंटार्कटिका में आधे साल अंधेरा और आधे साल रोशनी रहती है। जबकि पृथ्वी के बाकी हिस्सों में ऐसा नहीं होता है।

अंटार्कटिका में इस तरह जीवित रहते हैं लोग

अंटार्कटिका में जब सूरज डूबता है तो कोई भी वहां नहीं जा सकता और न ही कोई वहां से बाहर आ सकता है। इस पूरे समय के दौरान वहां रहने वाले लोगों और कॉनकॉर्डिया रिसर्च स्टेशन के वैज्ञानिकों को अपने पास मौजूद खाद्य पदार्थों से ही गुजारा करना पड़ता है। क्योंकि यहां बहुत कठिन हालात हैं.

सर्दी बढ़ने के कारण वहां का तापमान -80 डिग्री तक चला जाता है। इतनी अधिक ठंड के कारण वहां के लोगों के दिमाग में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। जिसे क्रोनिक हाइपरोपिया कहा जाता है। लेकिन वहां रहने वाले वैज्ञानिकों के लिए ये समय बेहद अहम है। क्योंकि सबसे ज्यादा रिसर्च इसी दौरान होती है। इन 6 महीनों के दौरान वैज्ञानिक वहां अलग-अलग शोध करते हैं।