Hindus attacked in Bangladesh

कौन था Bangladesh का तीसरा बदकिस्मत हिंदू बजेंद्र बिस्वास? हत्या पर बड़ा सवाल?

Hindus attacked in Bangladesh : बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों को लेकर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। दीपू चंद्र दास और अमृत मंडल के बाद अब तीसरे हिंदू नागरिक बजेंद्र बिस्वास की हत्या का मामला सामने आया है। आरोप है कि कपड़ा फैक्ट्री के अंदर एक युवक ने उसे गोली मार दी। पुलिस इसे आपसी झड़प का मामला बता रही है। लेकिन चश्मदीदों का कहना कुछ और ही है।

कौन था बजेंद्र बिस्वास

बजेंद्र बिस्वास Bangladesh के ग्रामीण अर्धसैनिक बल अंसार का सदस्य था। वह सिलहट सदर उपजिला के कादिरपुर गांव का रहने वाला था। मेहराबारी इलाके में स्थित सुल्ताना स्वेटर्स लिमिटेड फैक्ट्री की सुरक्षा के लिए 20 अंसार जवानों को तैनात किया गया था। बजेंद्र भी इन्हीं में शामिल था।

फैक्ट्री के अंदर क्या हुआ

घटना सोमवार शाम करीब 6:30 बजे की बताई जा रही है। आरोप है कि उसी फैक्ट्री में तैनात 22 वर्षीय अंसार सदस्य नोमान मियां ने बजेंद्र बिस्वास पर शॉटगन से गोली चला दी। यहां मौके पर ही बजेंद्र की मौत हो गई। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।

पुलिस का दावा क्या है?

पुलिस का कहना है कि फैक्ट्री के अंदर बजेंद्र और नोमान के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इसी दौरान गोली चल गई। इसमें बजेंद्र की जान चली गई। पुलिस इस घटना को आपसी विवाद से जोड़कर देख रही है।

चश्मदीदों का अलग बयान

हालांकि, चश्मदीदों की गवाही पुलिस के दावे से मेल नहीं खाती। बांग्लादेशी मीडिया से बात करते हुए अंसार सदस्य एपीसी मोहम्मद अजहर अली ने बताया कि फैक्ट्री के अंदर किसी तरह की झड़प नहीं हुई थी। वहीं चश्मदीदों के मुताबिक बजेंद्र नोमान के बगल में बैठा था। अचानक नोमान ने शॉटगन निकाली, चिल्लाया कि “मैं गोली मार दूंगा” और सीधे बजेंद्र पर गोली चला दी। उनके अनुसार झड़प का कोई मौका ही नहीं मिला।

क्या पुलिस कुछ छुपा रही है?

इस घटना के बाद सवाल उठ रहे हैं कि पुलिस झड़प की बात क्यों कर रही है। क्या इसे सांप्रदायिक हिंसा मानने से बचा जा रहा है? इससे पहले अमृत मंडल की हत्या के मामले में भी सरकार ने सांप्रदायिक हिंसा से इनकार किया था। उसे आपराधिक गतिविधियों से जोड़ दिया गया था।

हिंदुओं की बढ़ती चिंता

Bangladesh में लगातार तीन हिंदू नागरिकों की हत्या के बाद बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर चिंता और गहरी हो गई है। बजेंद्र बिस्वास की हत्या ने एक बार फिर सरकार और पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़ा कर दिया हैं।

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