Smartphone Battery : आखिर मोबाइल की बैटरी क्यों होता है विस्फोट? जान लीजिए वजह…..

Mobile Tips : लिथियम आयन बैटरी के आने के बाद से पावरफुल बैटरी की खोज पूरी हो गई है। दरअसल इस बैटरी के आने के बाद स्मार्टफोन की बैटरी में बेहद बदलाव आए हैं। आज के समय में बाजार में कई ऐसे स्मार्टफोन मौजूद है जिनकी बैटरी 48 घंटे यानी दो दिन तक यूज की जा सकती है। लिथियम आयन बैटरी का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह इसके यूज से स्मार्टफोन का वजन काफी हद तक कम हुआ है।

जब लिथियम आयन बैटरी नहीं थी तब स्मार्टफोन का वजन काफी ज्यादा होता था। लिथियम आयन बैटरी हल्की होने के साथ कम जगह में ज्यादा एनर्जी डेंसिटी को स्टोर करके रखती है। जहां एक और लिथियम आयन बैटरी के कई फायदे हैं वहीं दूसरी और लिथियम आयन बैटरी के फटने की घटना भी अक्सर यूजर्स को परेशानी में डाल देती है।

वर्तमान समय में इलेक्ट्रिक का, इलेक्ट्रिक बाइक, लैपटॉप, स्मार्टफोन, स्मार्टवॉच, कैमरा सब में लिथियम आयन बैटरी का ही उपयोग किया जा रहा है। क्योंकि यह बैटरी हल्की होती है और ज्यादा एनर्जी डेंसिटी को स्टोर करके रखती है। साथ ही इन बैटरी को कई बार रिचार्ज भी किया जा सकता है। जो कि इसे सबसे ज्यादा पसंदीदा बनाती है। हालांकि इसके कारण बैटरी के फटने का भी खतरा रहता है। आइए अब हम आपको बताते हैं कि लिथियम आयन बैटरी के फटने के पीछे मुख्य वजह क्या है।

ओवर चार्जिंग करना

किसी भी स्मार्टफोन के बैटरी फटने की मुख्य वजह में ओवरचार्जिंग सबसे प्रमुख कारण है। जरूरत से ज्यादा बैटरी को चार्ज करना यानी ओवर चार्जिंग करने से न केवल बैटरी के ओवर हिट होने का खतरा होता है। बल्कि इससे स्मार्टफोन की बैटरी लाइफ भी कमजोर हो जाती है। यदि आप फोन को रात भर चार्जिंग पर लगाकर रखते हैं तो ऐसी स्थिति में बैटरी जल्द खराब होती है। हालांकि कई ऐसे सर्किट्स आने लग गए हैं जो बैटरी को 80 से 85 फ़ीसदी चार्ज होने के बाद चार्ज को ऑटोमेटेकली धीमा कर देते हैं।

जिससे फोन ओवर चार्ज नहीं होता है। परंतु यदि आप अपने स्मार्टफोन के अलावा किसी अन्य चार्जर से चार्ज करते हैं तो इस स्थिति में वह सर्किट्स काम नहीं करते हैं और आपका स्मार्टफोन ओवर चार्जिंग हो जाता है। इसलिए आपको हमेशा अपने चार्जर से ही अपने स्मार्टफोन को चार्ज करना चाहिए तथा उसे बिल्कुल भी ओवर चार्जिंग नहीं करना चाहिए।

शार्ट सर्किट

स्मार्टफोन ब्लास्ट होने का दूसरा मुख्य कारण इंटरनल शॉर्ट सर्किट होना भी रहता है। दरअसल जब बैटरी के पॉजिटिव और नेगेटिव इलेक्ट्राडस एक दूसरे के संपर्क में आ जाते हैं। तब यह शॉर्ट सर्किट होता है। कई बार घटिया नकली बैटरी के कारण भी इंटरनल शॉर्ट सर्किट हो जाता है। यदि आपके फोन के बैक पैनल पर कोई गहरा डेंट आया है तो उसे तुरंत ले जाकर सर्विस सेंटर में अवश्य दिखाएं। वहीं यदि आपके फोन की बैटरी बदलवाने की आवश्यकता पड़े तो कंपनी के ऑथराइज्ड सर्विस सेंटर से ही दूसरी बैटरी लगवाना चाहिए।

एक्सटर्नल हिट

कई बार देखा जाता है कि लोग अपने स्मार्टफोन को घंटे तक धूप में इस्तेमाल करते हैं या फिर कार में फोन रखकर भूल जाते हैं। ऐसी स्थिति में स्मार्टफोन बेहद ज्यादा गर्म हो जाता है। यह भी एक कारण है कि फोन में ब्लास्ट हो सकता है। उदाहरण के तौर पर देखा जाए तो गर्मी के दिनों में धूप में खड़ी बंद कार के अंदर का तापमान 20 मिनट से भी कम समय में 46 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है। जो की लगातार बढ़ता जाता है।

यदि इस स्थिति में आप अपना स्मार्टफोन कार में भूल जाते हैं या फिर कार में चार्जिंग पर लगा देते हैं तो स्मार्टफोन का इंटरनल टेंपरेचर वैसे ही गर्म हो जाता है। जिससे इंटरनल शॉट सर्किट या फिर बैटरी फटने जैसे हादसे भी हो जाते हैं। इसलिए कहा जाता है की चार्जिंग के समय हमें स्मार्टफोन कम से कम ही उपयोग करना चाहिए।