भारत और कनाडा के बीच क्यों हो रहा है विवाद? झगड़े के बाद क्या होगा असर? जानें –

Stapled Visa: भारत और चीन का विवाद लंबे समय से सुर्खियों में बना है. हर रोज सुबह अखबार की पन्नों में भारत और चीन से जुड़ी कुछ बातें जरूर देखने को मिलती हैं. लेकिन चीन ने वर्ष 2000 बात के बाद भारत में चल रहे सीमा विवाद को लेकर अब अपनी नीति बदल दी है और जम्मू कश्मीर के अलावा अरुणाचल प्रदेश के निवासियों को नियमित वीजा के अलावा आप नत्थी वीजा देना शुरू कर दिया है.

कब जारी हुआ नत्थी वीजा ?

दरअसल, 2005 में पहली बार चीन की ओर से अरुणाचल प्रदेश के नागरिकों के लिए इस वीजा (Stapled Visa) की शुरुआत की गई थी. अब एक बार फिर चीन किसी भी जाकर तहत अरुणाचल प्रदेश को लेकर दावा कर रहा है कि, जम्मू कश्मीर विवादित क्षेत्र है और वह भारत का एक दिन हिस्सा नहीं माना जाता है. जबकि भारत की ओर से चीन के इस कदम का कड़ा विरोध करते हुए कहा गया कि अरुणाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर भारत के अभिन्न अंग माने जाते हैं.

क्या खास है नत्थी वीजा और स्टांप वीजा में ?

बता दे की स्टांप वीजा एक देश से दूसरे देश में सफर करने के लिए दूसरे देश के नागरिकों के लिए नियमित वीजा के तौर पर जारी किया जाता है. जबकि नत्थी वीजा (Stapled Visa) स्टांप वीजा से काफी अलग होता है क्योंकि इसमें पासपोर्ट के साथ एक कागज दिया जाता है और इस बीच पासपोर्ट पर चीन का आधिकारिक स्टाफ लगने से बचाव किया जाता है.

कब शुरू हुआ ये नत्थी वीजा का विवाद ?

चीन की ओर से खासकर जम्मू कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश के निवासियों के लिए इस ऊर्जा का शुरूआत किया गया है. दरअसल, चीन की ओर से 2005 में अरुणाचल प्रदेश के लिए और 2009 में जम्मू कश्मीर के लिए इस वीजा की शुरुआत की गई. लेकिन हमने का नाम नहीं लिया और लगातार बढ़ती मांग को देखते हुए नागरिकों को इस वीजा से जोडा गया. जिसका खुलासा दिल्ली के एयरपोर्ट पर जांच के दौरान एक व्यक्ति ने किया.

नत्थी वीजा से जुड़ा है पहले का विवाद

जानकारी के मुताबिक, 2011 में भारतीय भारत महासंघ की ओर से अधिकारी और एक खिलाड़ी को ग्रैंड प्रिक्स आयोजन में शामिल होने के लिए चीन भेजा गया था. जहां अधिकारी और खिलाड़ी दोनों अरुणाचल प्रदेश के ही निवासी थे. लेकिन उनके पास यह वीजा होने की वजह से उन्हें आयोजन में शामिल होने का मौका नहीं मिला. वहीं इसी साल अरुणाचल प्रदेश के पांच कराटे खिलाड़ियों के लिए चीन की ओर से इस वीजा को जारी किया गया था. जिसमें दो युवा तिरन जहाज भी शामिल थे और यही दोनों युवा तीरंदाजी युवा चैंपियनशिप में भाग लेने वाले थे.