जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र के नियम में होंगे बदलाव, जानें – बनवाने में कितना पड़ेगा असर….

Registration of Births and Deaths Amendment Bill, 2023: इन दिनों जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र को लेकर चर्चा तेज है। दरअसल, मंगलवार को संसद के मानसून सत्र में जन्म और मृत्यु पंजीकरण (संशोधन) विधेयक, 2023 को मंजूरी दे दी गई है। इस विधेयक में सरकार ने लोगों की सुविधा और लाभ के लिए जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र के डिजिटल पंजीकरण और इलेक्ट्रॉनिक वितरण का प्रावधान किया है। इस विधेयक को सदन में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने मंजूरी दी है

इस बिल से क्या बदलेगा?

सरकार के मुताबिक वह लोगों को सुविधाएं मुहैया कराने के मकसद से यह बिल लाई है और इस बिल से जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र का पंजीकरण आसान हो जाएगा। विधेयक में लोगों की सुविधा और लाभ के लिए जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्रों के डिजिटल पंजीकरण और इलेक्ट्रॉनिक वितरण का प्रावधान किया गया है। इसमें राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर पंजीकृत जन्म और मृत्यु का डेटाबेस तैयार करने की बात कही गई है।

क्या जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र आधार की जगह लेगा?

सरकार द्वारा पेश किए गए संशोधनों में कहा गया है कि अधिनियम में संशोधन के बाद इसका उद्देश्य नए कानून के लागू होने के बाद जन्मे किसी भी व्यक्ति के लिए किसी शैक्षणिक संस्थान में प्रवेश, ड्राइविंग लाइसेंस, मतदाता सूची जारी करना है। केंद्र सरकार, राज्य सरकार में पदों की तैयारी, नियुक्ति के लिए जन्म प्रमाण पत्र को एकल दस्तावेज के रूप में उपयोग करने की बात कही गई है।

अब तक जहां हम आधार को हर जगह अपने सबसे बड़े पहचान पत्र के तौर पर इस्तेमाल करते हैं और इसे हर दूसरे दस्तावेज और खाते से लिंक करना पड़ता है, उसी तरह यह एक जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र भी होगा, जो हमारे लिए हर दिन अहम होता है। यह हर जगह पर यूनिवर्सल पहचान पत्र की तरह काम करेगा। ऊपर से चूंकि जन्म के साथ ही डिजिटल रजिस्ट्रेशन होगा तो यह अनुमान लगाया जा सकता है कि भविष्य में जो भी दस्तावेजीकरण किया जाएगा वह अपने आप ही इससे लिंक हो जाएगा।