डेस्क: भारत और नेपाल के बीच बेटी-रोटी का संबंध माना जाता है। दोनों देश के लोग भारी संख्या में आवागमन करते हैं। भारत-नेपाल के बीच कारोबारी रिश्तो और सांस्कृतिक समावेश एक दूसरे के लिए काफी महत्वपूर्ण रखता है।
इसी बीच नेपाल जाने वाली गाड़ियों पर लगने वाली परमिट शुल्क को बढ़ा दिया गया है। इस बढ़ोतरी के बाद नेपाल आवागमन में जेब पर भारी असर डाल सकता है। आइए भंसार पर लगने वाली शुल्क कितना बढ़ाया गया है इससे समझते हैं।
इस बढ़ोतरी के बाद जहां दोपहिया वाहनों पर 150 रूपये नेपाली रुपये चुकाने पड़ते थे, वहीं अब 500 नेपाली रुपये और चार पहिया वाहनों के लिए 500 की जगह 700 रुपए चुकाने होंगे। आपको बता दें कि अब भी 2 महीनों पहले नेपाल की ओर से वाहनों पर लगने वाले भंसार में बढ़ोतरी की गयी थी। भंसार बढ़ने पर नेपाल जाना एक बार फिर महंगा हो सकता है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पहले वाहनों को बुटवल और लुंबिनी तक जाने के लिए परमिट नहीं लेना पड़ता था। अब वहां जाने के लिए भी वाहन का परमिट लेना होगा। बुटवल और लुम्बिनी से आगे जाने के लिए परमिट लेना अनिवार्य था।
नेपाल कैबिनेट ने अब नए नियम को मंजूरी दे दी है, जिसे सोमवार से लागू कर दिया गया है. इसके मुताबिक, ”दोपहिया वाहनों के लिए परमिट शुल्क में 350 नेपाली रुपये और चार पहिया वाहनों के लिए परमिट शुल्क में 200 नेपाली रुपये की बढ़ोतरी की गई है।’
दो माह पहले नेपाल ने दो और चार पहिया वाहनों का प्रवेश शुल्क (भंसार) बढ़ा दिया था। दोपहिया वाहनों के लिए प्रवेश शुल्क 150 रुपये नेपाली से बढ़ाकर 200 रुपये कर दिया गया, जबकि चार पहिया वाहनों का प्रवेश शुल्क 500 रुपये से बढ़ाकर नेपाली 600 रुपये कर दिया गया।
भैरहवा भंसार कार्यालय के सूचना अधिकारी युवराज भटराई के मुताबिक, “भंसार शुल्क में बढ़ोतरी के बाद परिवहन विभाग ने परमिट शुल्क में बढ़ोतरी कर दी है। नया नियम सोमवार से लागू हो जाएगा।” इस फैसले का असर उत्तर प्रदेश के उन ट्रांसपोर्ट पर भी पड़ेगा, जो बड़ी संख्या में पर्यटकों को नेपाल ले जाते हैं।