ज्ञानवापी (Gyanvapi) परिसर का मामला लंबे समय से चर्चा में बना हुआ है। जिला अदालत ने गुरुवार रात 10:00 बजे ज्ञानवापी परिसर में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के द्वारा किए गए सर्वे की रिपोर्ट पक्षकारों को सौंप दी। इस रिपोर्ट से बड़ा खुलासा हुआ है।
रिपोर्ट के मुताबिक ज्ञानवापी (Gyanvapi) में मस्जिद से पहले एक बड़े हिंदू मंदिर होने के साक्ष्य मिले है। इस रिपोर्ट के सामने आते ही हिंदू पक्ष का कहना है कि उन्हें ज्ञानवापी (Gyanvapi) परिसर में पूजा पाठ करने की अनुमति मिलनी चाहिए। इसके विपरीत मुस्लिम पक्ष ने इस कानूनी लड़ाई को आगे तक ले जाने का एलान किया है।
रिपोर्ट से सामने आई ये बड़ी बातें
17वीं शताब्दी में मंदिर को तोड़कर उसे मस्जिद बनाया गया था।
यहां 32 शिलापट और पत्थर मिले हैं। जो वहां पहले हिंदू मंदिर होने का साक्ष्य देते हैं।
एक शिलापट में जनार्दन, उमेश्वर और रुद्र लिखा है। जबकि अन्य शिलापट में “महामुक्ति मंडप” लिखा है।
मस्जिद के कई हिस्सों में मंदिर की आकृति मिली है।
कुछ खंभों से हिंदू चिन्हों को मिटाया गया है।
क्या है हिंदू पक्षी की मांग
सामने आई रिपोर्ट से इस बात का खुलासा हो गया है कि ज्ञानवापी (Gyanvapi) परिसर में पहले हिंदू मंदिर था। हिंदू मंदिर को तोड़कर यहां पर मस्जिद बनाया गया। अब हिंदू पक्ष यह मांग कर रहे हैं कि उन्हें ज्ञानवापी (Gyanvapi) परिसर में पूजा पाठ करने की अनुमति दी जाए।
ज्ञानवापी (Gyanvapi) मस्जिद का विवाद काफी लंबा है। हिंदू पक्षों ने यह दावा किया था कि 17वीं शताब्दी में मस्जिद बनने से पहले यहां पर हिंदू मंदिर हुआ करता था। हिंदू मंदिर को तोड़कर यहां पर मस्जिद बनाया गया था। इस मामले को लेकर वे कोर्ट पहुंचे थे। जिसके बाद अदालत ने सर्वे का आदेश दिया था।