‘पढ़े-लिखे नेता को वोट देना’…Unacademy के टीचर ने क्लास में की अपील, बस नौकरी से निकाल दिया

अनएकेडमी (Unacademy) के टीचर को नौकरी से निकल जाने के बाद सोशल मीडिया पर हंगामा खड़ा हो गया है. स्टूडेंट से लेकर कई लोग अनएकेडमी के इस फैसला का विरोध कर रहे हैं, इधर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने गुरुवार को इसी मुद्दे पर अपने ट्विटर से एक ट्वीट किया इसके बाद अनएकेडमी (Unacademy) के को- फाउंडर ने इस मामले की सफाई दी है.

पढ़े लिखें को वोट दो अनपढ़ को नहीं

दरअसल, पीछे दिनों अनएकेडमी (Unacademy) टीचर करण सांगवान ने अपनी कक्षा में छात्रों को पढ़ाई करते हुए कहा था कि शिक्षित उम्मीदवार को वोट करें अनपढ़ को नहीं. जिसके बाद वह वीडियो इतना वायरल हुआ कि टीचर कारण को अनएकेडमी से बर्खास्त कर दिया गया. उन्हें बर्खास्त करने का रीजन बस इतना दिया गया कि यह कक्षा किसी व्यक्ति विशेष का विचार शेयर करने की जगह नहीं है, यहां छात्रों को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से पढ़ाई करने का मौका दिया जाता है.

अनपढ़ नेता देश का नहीं कर सकता विकास

इस मामले को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने करते हुए कहा कि, क्या किसी पढ़े-लिखे को वोट करने के लिए अपील करना कोई अपराध है? उन्होंने आगे तीर्थ में लिखा कि यदि कोई अनपढ़ है तो मैं उसका स्वागत करता हूं, लेकिन जनप्रतिनिधि अनपढ़ नहीं होना चाहिए. आज का साइंस और टेक्नोलॉजी का दौर है और ऐसे में आधुनिक भारत का निर्माण कोई अनपढ़ जनप्रतिनिधि नहीं कर सकता है.

Unacademy के को-फाउंडर का बयान?

अनएकेडमी (Unacademy) के को-फाउंडर रोमन सैनी ने कहा कि, टीचर करण सांगवान ने संस्थान के नियमों का उल्लंघन किया है इसीलिए उन्हें संस्थान से अलग होना पड़ा. आगे ट्वीट में उन्होंने लिखा कि हम शिक्षा का एक मंच है और हम शिक्षा प्रदान करने का काम करते हैं.

लेकिन अगर कोई शिक्षक अपना विचार रखता है तो हमने सभी शिक्षकों के लिए एक सख्त आचार संहिता लागू की है. उन्होंने आगे कहा कि हम जो भी फैसला लेते हैं उस फैसले में हमारे साथ केंद्र से हमारे शिक्षार्थी भी शामिल होते हैं. इसीलिए कारण सांगवान को संस्थान से अलग होना पड़ा क्योंकि उन्होंने आचार संहिता का उल्लंघन किया है.