Indian Railway : आखिर कैसे तय होती है Train Ticket की कीमत? ये है पूरा कैलकुलेशन…..

Indian Railway : हम सब ट्रेन की यात्रा करते हैं और ट्रेन से यात्रा करने का एक सबसे महत्वपूर्ण कारण है, लंबी दूरी की यात्रा में भी ट्रेन का किराया कम होना, तो आखिर कैसे तय होता हो ट्रेन का किराया?  लेकिन ट्रेन, उसका रखरखाव तो काफी महंगा होता है, फिर भला उसका किराया क्यों कम? क्या कभी आपके मन में सवाल उठा है? अगर हाँ तो आईए हम आपको इस सवाल का जवाब बताते हैं और यदि नहीं तो बेशक आपको जाना चाहिए ऐसा क्यों? 

कैसे तय होती है दूरी? 

  • ट्रेन की दूरी में सबसे पहले दूरी और श्रेणी के हिसाब से किराया तय किया जाता है। 
  • ट्रेन का किराये में सबसे महत्वपूर्ण बेस भाग होता है यानि ट्रेन किस श्रेणी की है, कितनी दूरी तय करने वाली है और यात्री कितना सफर करने वाला है इसपर निर्भर करता है। 
  • ट्रेन के किराये में निम्नतम 1-5 किमी की दूरी और अधिकतम 3451-3500 किमी  की दूरी को कैलकुलेट किया जाता है यानि एक समान दूरी के लिए भी राजधानी, शताब्दी, और मेल/एक्सप्रेस के एसी फर्स्ट क्लास का किराया अलग अलग रखा जाता है।
  • बेस प्राइज़ के बाद इसमें रिजर्वेशन चार्ज भी जोड़ा जाता है और टिकिट तत्काल का है तो उसका चार्ज भी अलग से लगाया जाता है और अलग से जोड़ा जाता है। 

इससे अब आप समझ गए होंगे की आपका ट्रेन किराया कम क्यों होता है और एक ही स्टेशन का किराया अलग-अलग ट्रेनों में अलग अलग क्यों होता है।