Putin India Visit : रुसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन भारत पहुंच गए हैं जहां उनका बेहद गर्मजोशी से स्वागत हुआ है…प्रधानमंत्री मोदी उन्हे लेने एयरपोर्ट खुद लेने पहुंचे… रुबरु होते ही दोनों नेताओं ने पहले हाथ मिलाया फिर गले मिले और उसके बाद कार में बैठकर एयरपोर्ट से बाहर निकल गए और सीधे पहुंचे प्रधानमंत्री आवास…मोदी ने पुतिन के साथ डिनर किया और इसके साथ ही शुरुआत हुई दो दिवसीय दौरे की…
यात्रा के दौरान राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन 23वें शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे…दौरे के पहले ही दिन पीएम आवास पर दोनों नेताओं के बीच करीब तीन घंटे तक बातचीत हुई…इस मुलाकात के साथ भारत और रुस अपनी राजनीतिक साझेदारी की 25वीं वर्षगांठ भी मना रहे हैं; जिसकी शुरुआत 2001 में हुई थी,तब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे…इससे पहले पुतिन का आखिरी भारत दौरा 6 दिसंबर,2021 को हुआ था…
पुतिन के दौरे का दो दिन का शेड्यूल
4 दिसंबर:
- पुतिन का विमान 4 दिसंबर की शाम लगभग 7 बजे शाम में भारत पहुंचा
- 8 बजे दोनों दिग्गज नेताओं ने दिल्ली के लोक कल्याण मार्ग स्थित पीएम आवास पर डिनर किया
5 दिसंबर:
- सुबह 9 बजे पुतिन को राष्ट्रपति भवन में गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा
-सुबह 10 बजे पुतिन राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देंगे
-सुबह 11 बजे पुतिन हैदराबाद हाउस में 23वीं भारत-रुस समिट में भाग लेंगे
-शाम 4 बजे पुतिन हैदराबाद हाउस में इंडिया-रुस बिजनेस समिट फोरम को संबोधित करेंगे
-शाम 5 बजे पुतिन भारत मंडपम में बिजनेस लीडर्स से मुलाकात करेंगे
-शाम 7 बजे भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू पुतिन के सम्मान में स्टेट डिनर देंगी
-रात करीब 9.30 बजे भारत से रवाना
क्यों महत्वपूर्ण है यह दौरा
रुस-यूक्रेन युद्ध शुरु होने के बाद रुस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन का यह पहला भारत दौरा है….यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब भारत और अमेरिका के बीच खुलकर व्यापारिक मतभेद हैं…जिसकी वजह भारत का रुस से तेल खरीदना बताया गया है…पुतिन का यह दौरा भारत और रुस के रिश्तों के लिए अग्निपरीक्षा माना जा रहा है…
यह दौरा औपचारिक नहीं बल्कि इस दौरे के दौरान भारत को एक-एक कदम बहुत सोच समझकर रखना होगा…इस दौरे को लेकर सबसे बड़ा सवाल ये हैं कि क्या अब भी ये दोनों देश उतने ही नजदीक हैं जितना कि पहले हुआ करते थे…हाल ही में वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा था कि हम रुस से बहुत कुछ खरीदते हैं लेकिन बेचते कम हैं, हम रुस के साथ आर्थिक संतुलन बनाना चाहते हैं…
क्या Give and Take है असली क्रेंद बिंदु?
मौजूदा हालात के अनुसार ऐसा लग रहा है कि भारत और रुस दोनों को एक दूसरे की जरुरत है… भारत को रुस की जरुरत है सस्ते तेल के लिए, परमाणु पनडुब्बी प्रोजेक्ट के लिए , एस-400 और भविष्य के एयर डिफेंस सिस्टम के लिए, लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए और तकनीक ट्रांसफर के लिए…दूसरी तरफ रुस को चाहिए एक बड़ा भरोसेमंद बाजार…पश्चिमी प्रतिबंधों के बीच भारत जैसी बड़ी अर्थव्यवस्था वाली देश का सहयोग, हथियारों और तकनीक के लिए साझेदारी…इसलिए ऐसा कहा जा सकता है कि इस मुलाकात का असली क्रेंद give and take है…
रिश्ते की साझेदारी
पुतिन के भारत आगमन के बाद से पीएम मोदी के साथ आई तस्वीरें साफ बयां करती है कि भारत और रुस का रिश्ता अगर पहले जैसा सरल नहीं तो कोई कमजोर भी नहीं है…दोनों देशों पर अंतराष्ट्रीय स्तर पर अलग-अलग दबाव हैं…दोनों को एक-दूसरे की जरुरत भी है…दोनों देश ये समझ रहे हैं कि दोनों को एक-दूसरे की जरुरत है…कहा जा सकता है कि पुतिन का दौर बस दिखावट नहीं बल्कि दोनों देशों के बीच के रिश्तों को स्थिर, संतुलित और व्यावहारिक बनाए रखने के लिए है…
स्थिर और ठोस होंगे रिश्ते
पुतिन के भारत पहुंचने के बाद मोदी के साथ आई तस्वीर ये यह साफ है कि भारत और रूस का रिश्ता आज पहले जैसा सरल नहीं रहा लेकिन उतना कमजोर भी नहीं जितना कुछ लोग समझते हैं. दोनों देशों पर अलग-अलग दबाव हैं. दोनों को एक-दूसरे की जरूरत भी है. दोनों ये भी समझते हैं कि दुनिया बदल चुकी है. इसलिए पुतिन का ये दौरा किसी बड़े दिखावटी ऐलान के लिए नहीं बल्कि रिश्तों को स्थिर, संतुलित, और व्यावहारिक बनाए रखने के लिए है.


