Ayodhya के “लक्ष्मण किला” की कहानी- जहां झूठ बोलने वालों का खुल जाता है पोल….

लोग कहते हैं की यह कलयुग है। इस युग में झूठ तो हर कोई बोलता है। लोग झूठ इसलिए भी बोलते है क्युकी उन्हें लगता है की उनका झूठ कौन पकड़ पाएगा। मगर हम आपको बता दें कि अयोध्या में एक ऐसा मंदिर है जहां पर झूठ बोलने वालों की सारी पोल खुल जाती है।

जी हां, आपने बिल्कुल सही सुना। इस मंदिर में झूठी कसम खाने वाले का झूठ ज्यादा समय तक के लिए नहीं टिक पाता। अयोध्या के सरयू नदी के तट पर लक्ष्मण किला है। इस आर्टिकल में हम आपको इस मंदिर के बारे में विस्तार से बताएंगे।

क्या है लक्ष्मण किला से जुड़ी मान्यता?

भगवान श्री राम की नगरी अयोध्या (Ayodhya) में सरयू नदी के तट पर लक्ष्मण किला (Lakshman Fort) है। ऐसी मान्यता है कि लक्ष्मण किला में दैवीय शक्तियां है। इस मंदिर में झूठ बोलने वाले को यह दिव्य शक्तियां किसी न किसी रूप से परेशान करती है। इस मंदिर में लक्ष्मण के साथ-साथ प्रभु श्रीराम और सीता माता भी विराजमान हैं। ऐसा कहते हैं कि यदि कोई व्यक्ति इस मंदिर में झूठी कसम खाता है तो उसे बुरा परिणाम भुगतना पड़ता है।

क्या है कथा

भगवान श्री राम (Lord shree Ram) लंकापति रावण का संहार कर अयोध्या वापस लौटे। हजार वर्षों तक राज्य करने के बाद जब वह अपनी लीला समाप्त कर वापस जाने को थे। उसी दौरान वह काल के साथ वार्ता कर रहे थे। तब यह शर्त रखी गई कि जिस कमरे में काल और प्रभु श्री राम के बीच वार्ता हो रही है उस कमरे में कोई व्यक्ति प्रवेश नहीं करेगा। यदि ऐसा होता है तो द्वार पर खड़े व्यक्ति को मौत की सजा होगी।

प्रभु श्री राम ने लक्ष्मण को द्वार पर खड़ा कर दिया। उन्होंने लक्ष्मण से कहा कि किसी को भी अंदर ना आने दें। लेकिन तभी दुर्वासा ऋषि प्रभु श्री राम से मिलने वहां पहुंच गए। आज्ञा का पालन करते हुए लक्ष्मण ने दुर्वासा ऋषि को द्वार पर रोका।

इस बात से नाराज होकर दुर्वासा ऋषि अयोध्या नगरी को श्राप देने लगे। दुर्वासा ऋषि (Maharshi Durvaasa) के श्राप से अयोध्या नगरी को बचाने के लिए जब लक्ष्मण ने उस कमरे में प्रवेश किया तो काल वहां से विलुप्त हो गया। प्रभु श्री राम को दिए वचन के अनुसार श्री राम के जाने से पहले लक्ष्मण ने सरयू नदी (Saryu River) में अपने शरीर का त्याग किया। यहीं पर अपने शरीर का त्याग करते हुए लक्ष्मण जी ने शेष अवतार लिया।

विवाद को निपटाने आते हैं लोग

सरयू नदी के तट पर यह लक्ष्मण किला है। यहां पर लोग अपना विवाद सुलझाने भी आते हैं। यह एक सिद्ध जगह है। मान्यता है कि यदि कोई व्यक्ति किसी विवाद में अपने पक्ष में निर्णय लाने के लिए झूठी कसम खाता है तो उसका झूठ ज्यादा देर तक के लिए नहीं टिक पाता। उसका झूठ सामने आ जाता है।