देश की सड़कों पर अब नहीं सुनाई देगी “पी पी पों पों” वाली हॉर्न , सरकार का ये है मस्त प्लान.. जानें –

न्यूज डेस्क (शिक्षा मिश्रा): देश में जिस तरह मानव की संख्या में बढ़ोतरी रही है, ठीक उसी प्रकार वाहनों की संख्या में भी लगातर वृद्धि हो रही है, जब भी आप सड़क पर निकलते होंगे, तो कभी कभी सड़क पर ऐसे लोग से जरूर मुलाकात होती होगी, जो फालतू के हॉर्न बजाते मिलते होगे।तो आपको ऐसी आवाज़ों से और चिढ़ हो जाती होगी। लेकिन अब देश में ऐसा नहीं होगा, क्योंकि सरकार ने इस समस्या के निदान पाने के लिए एक बेहतरीन उपाय निकाला है। जिससे सड़कों पर फालतू के बजाने वाले लोगों पर नकेल कसा जा सके।

दरअसल, देश के केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार यानी 4 अक्टूबर को कहा कि वह एक ऐसा कानून लाने की योजना बना रहे हैं जिसके तहत वाहनों के लिए हॉर्न के रूप में केवल भारतीय संगीत वाद्ययंत्रों की आवाज का इस्तेमाल किया जा सकता है। गडकरी ने कहा कि वह एम्बुलेंस और पुलिस वाहनों द्वारा उपयोग किए जाने वाले सायरन का भी अध्ययन कर रहे हैं और उन्हें ऑल इंडिया रेडियो पर बजाए जाने वाले एक अधिक शांति व मधुर धुन के साथ बदल रहे हैं।

देश में अब सायरन का अस्तित्व खत्म हो जाएगा:

आगे वह बताते हैं देश में लाल बत्ती बंद कर दी गई थी और अब मैं इन सायरन को भी खत्म करना चाहता हूं। अब मैं एम्बुलेंस और पुलिस द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले सायरन का अध्ययन कर रहा हूं। एक कलाकार ने आकाशवाणी (अखिल भारतीय रेडियो) की एक धुन की रचना की और इसे सुबह-सुबह बजाया गया। मैं उस धुन को एंबुलेंस के लिए इस्तेमाल करने की सोच रहा हूं ताकि लोगों को अच्छा लगे।

भारतीय संगीत और वाद्ययंत्रों का होगा इस्तेमाल:

आगे उन्होंने बताया की खासकर मंत्रियों के गुजरने के बाद, सायरन का उपयोग पूरी मात्रा में किया जाता है। इससे कानों को भी नुकसान पहुंचता है। मैं इसका अध्ययन कर रहा हूं और जल्द ही एक कानून बनाने की योजना बना रहा हूं कि सभी वाहनों के हॉर्न भारतीय संगीत और वाद्ययंत्रों में हों ताकि सुनने में सुखद रहे। बांसुरी, तबला, वायलिन, मुख अंग, हारमोनियम इनमे से कुछ भी जो कानो को सुनकर आराम मिले।