Driving Licence के लिए सरकार लेती है महज 1356 रुपए, लेकिन देने पड़ते हैं 3-4 हजार, जानें- पूरा खेल..

डेस्क : RTO में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए एक सामान्य व्यक्ति को महीनों का सफर तय करना पड़ता है। लेकिन आरटीओ कार्यालय के बाहर बैठे एजेंट दुकान को सजाकर अधिकारियों की सेटिंग से ही आपका काम आसानी से करवा लेते हैं। इसके लिए एजेंट आपसे मोटी रकम वसूलते हैं।

बिना ड्राइविंग टेस्ट के मिलेगा लाइसेंस : आपको बता दें कि दोपहिया और चौपहिया वाहन के ड्राइविंग लाइसेंस के बदले सरकार आपसे सिर्फ 1356 रुपये चार्ज करती है, लेकिन एजेंट आपसे 2500 रुपये से लेकर 4000 रुपये तक चार्ज करते हैं. आरटीओ में बैठे अधिकारी यह सब जानते हैं लेकिन उन्हें कमीशन मिलता है। बदले में एजेंटों से शिकायत करने पर भी अधिकारी चुप रहते हैं। भले ही आपकी जेब कट जाए, लेकिन उनकी जेब भरते रहना चाहिए।

सूत्र बताते हैं कि परिवहन विभाग में कार्यालय के बाहर बैठे कुछ एजेंटों को बिना ड्राइविंग टेस्ट दिए दोपहिया से लेकर चौपहिया तक के लाइसेंस मिल जाते हैं। इसके लिए लोगों से 2500 से 4 हजार रुपये लिए जा रहे हैं। वहीं लाइसेंस बनवाने का दावा करने वाले एजेंट दावा करते हैं कि वे ऊपर तक रकम पहुंचाते हैं, इसलिए इतना पैसा लेते हैं। बताया जा रहा है कि इस बात की जानकारी विभाग के अधिकारी को भी है, लेकिन ज्यादा पैसा लेने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं होती। लाइसेंस लेने के लिए लोग आसानी से एजेंटों के चक्कर में पड़ रहे हैं।

यहाँ तक की परिवहन विभाग कार्यालय के बाहर आरटीओ के अधिकांश बाबू परिचितों ने फोटो कॉपी व ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के नाम पर घरों में दुकानें खोल दी हैं। इनकी संख्या आरटीओ कार्यालय के बाहर एक दर्जन से अधिक है। प्रत्येक दुकान में दिन भर दो से तीन व्यक्ति इन कार्यों में लगे रहते हैं।

सरकार सिर्फ 1356 रुपये लेती है : टू व्हीलर और फोर व्हीलर के ड्राइविंग लाइसेंस देने के लिए सरकार सिर्फ 1356 रुपये चार्ज करती है। 356 रुपये लर्निंग के दौरान और 1000 रुपये परमानेंट के लिए 1 महीने बाद चालान का भुगतान करना होता है। सिर्फ टू व्हीलर लाइसेंस के लिए लर्निंग के दौरान 156 रुपये और एक महीने बाद परमानेंट लाइसेंस के लिए 700 रुपये देने होते हैं।

ट्रायल देने वाले नियमों का चक्कर लगा रहे हैं : एक शख्स ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने में नियमों से कम खर्चा आता है। उन्होंने लर्निंग से स्थायी कार्ड के लिए दो बार ट्रायल दिया, लेकिन कड़े नियमों के कारण दोनों बार फेल हो गए। वहां मौजूद एक व्यक्ति ने बाबू से यह काम करवाने को कहा। नियम से आने वालों में ज्यादातर चक्कर लगा रहे हैं।