डेस्क : केंद्र की सरकार ने समय-समय पर तरह तरह की योजनाओं की शुरूआत करके देश के आम मध्यमवर्गीय नागरिकों से लेकर मजदूर वर्ग तक को आर्थिक ,स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण एवं अन्य कई तरह की सुविधाएं दी है। इन योजनाओं का लाभ देश के करोड़ों लाभुक अब तक ले चुके हैं। इसी क्रम में हाल ही में केंद्र सरकार ने देश के असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को वित्तीय लाभ देने के उद्देश्य से एक योजना शुरू की। वैसे तो असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए कई सारी योजनाएं चल रही है। इनमें से ही एक है प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन पेंशन योजना। इस योजना से लाभ प्राप्त करने वाले श्रमिकों के लिए यह योजना बुढ़ापे का सहारा बन सकती है।
असंगठित क्षेत्र तथा असंगठित मजदूरी क्या है : असंगठित क्षेत्र उस सेक्टर को कहा जाता है जो सरकार के साथ पंजीकृत नहीं रहता है। और जिसके रोजगार की शर्ते तय नहीं होती हैं।साथ ही नियमित रूप से असंगठित क्षेत्र माना जाता है। इस सेक्टर में किसी भी सरकारी नियम व कानून का पालन करना जरूरी नहीं रहता है। असंगठित श्रमिकों की परिभाषा और वर्गीकरण ,असंगठित कामगारों की संख्या, असंगठित कर्मकार सामाजिक सुरक्षा अधिनियम 2008 में असंगठित कर्मकार को घर के काम करने वाले लोग, स्वरोजगार में लगे लोग ,असंगठित क्षेत्र में मजदूरी करने वाले मजदूरों के रूप में परिभाषित किया गया है।
पी एम एस वाई एम योजना तथा इसकी पात्रता क्या है : प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन पेंशन योजना एक स्वैच्छिक और अंशदायी पेंशन योजना है। इसके लाभ के इच्छुक को ₹55 से लेकर ₹200 तक का मासिक अंशदान देना होता है। जितना अंशदान दिया जाता है उतना ही केंद्र सरकार अपनी तरफ से भी देती है। इस योजना का लाभ लेने वाले व्यक्ति को भारत का नागरिक होना तथा 18 से 40 वर्ष की आयु के बीच का रहना जरूरी है। इसके साथ ही साथ उसकी मासिक आय ₹15000 से कम होनी चाहिए। साथ ही वह किसी अन्य सरकारी वित्त पोषित योजना का सदस्य ना हो । असंगठित क्षेत्र के जो भी श्रमिक इस योजना का पात्र हो वह किसी भी सीएससी सेंटर से अपना रजिस्ट्रेशन करवाकर इस योजना का लाभ ले सकते हैं।
किस तरह मिलता है योजना का लाभ : रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद तय हुए स्वैच्छिक अंशदान को देते रहना पड़ता है ।तथा 60 वर्ष की उम्र के बाद लाभार्थी को ₹3000 की न्यूनतम सुनिश्चित मासिक पेंशन मिलनी शुरू हो जाती है। अगर कोई पति और पत्नी दोनों इस योजना में शामिल होंगे तो उन्हें संयुक्त रूप से ₹6000 की मासिक पेंशन मिलेगी। वहीं किसी लाभार्थी की मृत्यु होने की स्थिति में उसकी जीवन साथी (पति या पत्नी) को मासिक पेंशन का 50% दिया जाएगा।