खुलासा : Taj Mahal की नकल कर औरंगजेब ने बनवाया था ‘बीबी का मकबरा’, सामने आया छुपा हुआ राज..

डेस्क : Taj Mahal से लेकर वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे तक इन दिनों देश की निगाहें इस मामले पर टिकी हैं। महाराष्ट्र के औरंगाबाद में स्थित मुगल शासक औरंगजेब के मकबरे को लेकर भी इन पर काफ़ी ज्यादा सियासत होती रही है। इन सुर्खियों में महाराष्ट्र में मुगल बादशाह से जुड़े इतिहास का एक हिस्सा भी आ रहा है। दरअसल महाराष्ट्र में एएसआई की टीम औरंगाबाद में औरंगजेब द्वारा बनाए गए ‘बीबी का मकबरा’ के सामने 400 साल पुराने हम्माम की खुदाई पिछले 6 महीने से कर रही है. आइए जानते हैं ताजमहल की तरह दिखने वाली बीबी का मकबरा की कहानी।

पत्नी की याद में बना ताजमहल जैसा मकबरा : साल 1660 में छठे मुगल बादशाह ने अपनी पहली पत्नी दिलरस बानो बेगम की याद में ‘बीबी का मकबरा’ बनवाया, जो ताजमहल की ‘नकल’ थी। ताजमहल और बीबी के मकबरे में फर्क करना मुश्किल होगा। ताज को शाहजहाँ ने अपनी पत्नी की याद में बनवाया था। इसलिए औरंग जेब ने भी मकबरा बनवाया।

क्यों शुरू हुई खुदाई? एएसआई की खुदाई तब शुरू हुई जब उन्हें ऐसे हम्माम के होने का पता चला। एएसआई की खुदाई में अब तक 36×36 मीटर की संरचना मिली है। इसका एक हिस्सा साफ कर दिया गया है। एएसआई के अधिकारियों ने कहा कि हम्माम बीबी के मकबरे के ठीक सामने स्थित है। अधिकारियों का मानना ​​​​है कि 1960 के दशक के कुछ समय बाद हम्माम कीचड़ में ढंका हुआ था, जब इसके और संरक्षित स्मारक के बीच एक सड़क बिछाई गई थी।

हम्म का सुराग यहाँ से मिला : ASI अधिकारियों द्वारा यह खुलासा किया गया कि एक व्यक्ति जिसके पिता एएसआई के साथ काम करते थे और स्मारक में एक परिचारक थे, कुछ अधिकारियों से मिले। उन्होंने बताया कि जब वह छोटे थे तो पिता के साथ टिफिन देने के लिए साइट पर जाया करते थे। तब हमेशा हम्माम होता था जो अब मलबे से ढका हुआ है। उन्होंने एएसआई अधिकारियों को सही लोकेशन भी दिखाई। उन्होंने यह भी कहा कि यदि आप साइट की खुदाई करते हैं और मिट्टी को हटाते हैं, तो आपको एक दरवाजा और एक प्रवेश बिंदु मिलेगा। अधिकारियों ने खुदाई के लिए अनुमति ली थी। खुदाई में एएसआई को कई संरचनाएं भी मिली हैं। हालांकि जांच के बाद यह स्पष्ट हो पाएगा।