Indigo Flight Crisis : Indigo फ्लाइट को लेकर संकट खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है. इंडिगो संकट पर दिल्ली हाईोकोर्ट ने केंद्र सरकार को इस मसले पर जमकर फटकार लगाई. अदालत ने साफ तौर पर पूछा कि जब एयरलाइन फेल हो गई थी तब सरकार आखिर क्या कर रही थी,कैसे 4-5 हजार के फ्लाइट्स की कीमतें बढ़कर 39000 पर पहुंच गई.
अन्य एयरलाइंस ने इसका फायदा कैसे उठाया? कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि आपने स्थिति को इस हाल तक कैसे पहुंचने दिया. कोर्ट ने कहा है कि यह सिर्फ व्यकितगत यात्रियों का मामला नहीं है बल्कि इससे काफी आर्थिक नुकसान भी हुआ है.
फिर से हाजिर होंगे सीईओ : कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा कि सरकार को सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में इस तरह की स्थिति दोबारा कभी पैदा ना हो. DGCA यानि नागरिक उड्डयन नियामक ने इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स को (Indigo Flight Crisis ) गुरुवार दोपहर 3 बजे समन भेजकर दोबारा बुलाया है.
कोर्ट ने मामले को लेकर अगली सुनवाई के लिए 22 जनवरी की तारीख तय की है. कोर्ट ने कहा है कि अगली तारीख तक अगर जांच पूरी हो जाती है तो उसकी रिपोर्ट सीलबंध लिफाफे में कोर्ट में जमा की जाएं. सरकार ने इंडिगो पर एक्शन लेते हुए 10% फ्लाइट्स कम कर दिए हैं. यह कटौती हाई-डिमांड और हाई-फ्रीक्वेंसी वाले रुट्स पर होंगी.DGCA ने इंडिगो को बुधवार शाम 5 बजे तक शेड्यूल जमा करवे का निर्देश दिया है.
अभी नहीं टला है संकट : इंडिगो के परिचालन में बड़ी अव्यवस्था हुई है. अब तक इंडिगो की करीब 4000 उड़ानें कैंसिल की गई हैं. 10 दिसंबर यानि बुधवार को 300 से ज्यादा उड़ानों के रद्द किया गया. वहीं 9 दिसंबर यानि मंगलवार को 400 से ज्यादा उड़ाने रद्द की गई थी.
ऐसे में (Indigo Flight Crisis) सरकार का निर्देश आया है कि इंडिगो की 10 प्रतिशत उड़ाने कम कर दी गई हैं जिससे पहले से अपने विमान को बुक करने वाले यात्रियों को आने वाले कुछ महीनों तक इस परेशानी का सामना करना पड़ेगा.


