डेस्क : रूस-यूक्रेन युद्ध का असर अब भारत पर भी साफ दिखने लगा है। पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से आम जनता परेशान है, लेकिन तेल कंपनियां किसी भी तरह के नुकसान में नहीं जाना चाहती हैं. हाल ही में केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए उत्पाद शुल्क में कमी की थी, जिसके बाद कई राज्य सरकारों ने भी वैट में कमी की थी। लेकिन अब देश में एक नया संकट शुरू हो रहा है।
घट रही है तेल की बिक्री : लेकिन, इस बीच अब राजस्थान में दो तेल कंपनियों HPCL (Hindustan Petroleum Corporation Limited) और BPCL (Bharat Petroleum Corporation Limited) ने घाटे को कम करने के लिए तेल की राशनिंग शुरू कर दी है। इससे आम लोगों को काफी परेशानी हो रही है। दरअसल, इन दोनों कंपनियों के सेल्स ऑफिसर पेट्रोल पंप संचालकों को सिर्फ 8 घंटे पेट्रोल बेचने की हिदायत दे रहे हैं. रात 9 बजे के बाद पेट्रोल-डीजल नहीं बेचना चाहिए, यानी तेल की बिक्री कम करनी चाहिए। तेल की बिक्री कम करने की वजह आपूर्ति कम होना बताया जा रहा है, जबकि आईओसी (इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड) पूरे तेल की आपूर्ति अपने स्तर पर कर रही है. यानी तेल कंपनियां अपने मुनाफे के लिए ऐसा कर रही हैं।
पंप पर ठप पड़ी पेट्रोल-डीजल की बिक्री : तेल कंपनियों के इस कदम से राजस्थान के 6700 पंपों में से 4500 पंप सूखने के कगार पर पहुंच गए हैं. इतना ही नहीं 11 जून को दूसरे शनिवार और 12 जून को रविवार होने के कारण तेल डिपो बंद रहे। इसके अलावा रिलायंस और एस्सार के पंपों पर तेल की बिक्री नहीं हो रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बीपीसीएल के डिपो प्रभारी का कहना है कि ऐसा वैश्विक संकट के चलते हुआ है.
राजस्थान में तेल की बिक्री
- डीजल: 1.10 करोड़ लीटर प्रतिदिन
- सालाना 400 करोड़ लीटर
- पेट्रोल: 23 लाख लीटर प्रति दिन
- 85 करोड़ लीटर सालाना
HPCL को लिखा पत्र : पेट्रोल-डीजल की बढ़ती महंगाई से आम जनता पहले से ही परेशान थी, जिसके बाद तेल की किल्लत ने उन्हें और परेशान कर दिया है. राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष सुनीत बगई ने कहा, ‘एचपीसीएल और बीपीसीएल अपने डीलरों को तेल की आपूर्ति नहीं कर रहे हैं। एचपीसीएल के सीएमडी डॉ पुष्प कुमार जोशी, बीपीसीएल के कार्यकारी निदेशक पीएस रवि को स्थिति से अवगत कराया है, लेकिन अभी भी स्थिति में सुधार नहीं हुआ है।