पिता ने कर्ज लिया..बेटा जॉब के साथ रोजाना 5-6 घंटे की पढ़ाई, बन गए UPSC टॉपर..

डेस्क : भारत में यूपीएससी परीक्षा का बहुत क्रेज है तमाम छात्र छात्राएं यूपीएससी का सपना लेकर अपने घर से दूर बड़े शहरों जैसे दिल्ली इलाहाबाद आदि जैसे जगहों पर जाते हैं और वहां सिविल सेवा की तैयारी करते हैं इन सभी तैयारी करने वाले छात्रों का एक ही सपना है कि वह किसी तरह यूपीएससी की परीक्षा को पास करके लबसना ट्रेनिंग सेंटर का मुंह देखें,

अगर सच्चे लगन धैर्य से यूपीएससी की तैयारी की जाए तो मंजिल ज्यादा दिन दूर तक नहीं रहती ऐसे तमाम उदाहरण हमने देखे और सुने हैं की मेधावी छात्र ना होते हुए भी लोगों ने यूपीएससी की परीक्षा को पास किया है, कुछ ऐसे ही कहानी है मध्य प्रदेश के राजीव दैपुरिया की

राजीव दैपुरिया मध्यप्रदेश के भिंड जिले के निवासी हैं साल 2022 के भिंड जिले के से सिविल सेवा में राजीव और मयंक ने सफलता प्राप्त की थी, इन दोनों की सफलता से इस बात की पुष्टि होती है कि सफलता है उच्च वर्ग और उच्च शिक्षित लोगों बड़े शहरों में नहीं होती बल्कि निम्न वर्ग कम मेधावी छात्र और छोटे शहरों के लोगों में भी पाई जाती है

राजीव अपने इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को देते हैं भिंड के चंबल साइड का इलाका बागियों के लिए जाना जाता है वहां से ऐसी प्रतिभा का निकलना अपने आप में एक अद्भुत बात है, राजीव ने किसी भी कोचिंग सेंटर से यूपीएससी की तैयारी नहीं की बल्कि खुद के मेहनत खुद से नोट्स जाकर पढ़ाई और यूपीएससी के मटेरियल को इकट्ठा करके उन्होंने यूपीएससी की तैयारी की और इसकी परीक्षा भी उत्तीर्ण की

नौकरी के बाद जो समय उन्हें मिलता था उस समय में वह बेहद जी जान व लगन से पढ़ाई करते थे, राजीव के पिताजी ने अपने बेटे की पढ़ाई के लिए ₹200000 तक कर्ज भी लिया था वह अपने बेटे को यूपीएससी की तैयारी करने के लिए कुछ किताबें देने बिहार तक भी गए थे जहां वह नौकरी कर रहे थे।