डेस्क : राम भक्तों के लिए खुशखबरी है। भगवाम राम को लोग आदर्श मानते हैं। यहां के बाशिन्दों के लिए राम का नाम सर्बोपरि है। इसी कड़ी में IRCTC ने रामायण एक्सप्रेस के नए सत्र की घोषणा की है। राममय बातावरण वाले इस इस रेल गाड़ी लोग रामायण सर्किट के नाम से भी जानते हैं। इस धार्मिक ट्रेन की शुरुवात 7 नवंबर के शाम को दिल्ली के सफदरजंग रेलवे स्टेशन से हुई। ट्रेन के माध्यम से अयोध्या से लेकर रामेश्वरम तक जितने भी तीर्थस्थल हैं सब के दर्शन होंगे। यह यात्रा कुल 17 दिनों तक चलेगी। यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए ट्रेन में स्लीपर और एयर कंडीशन कोच लगाए गए है। खास बात यह है कि यात्री ट्रेन से रामजन्मभूमि अयोध्या धाम भी जाएंगे।
यात्री https://www.irctctourism.com वेबसाइट पर जाकर रामायण एक्सप्रेस ट्रेन के लिए बुकिंग कर सकते हैं। यात्रा की शुरुआत में आपको कोविड टीकाकरण प्रमाणपत्र भी लाना होगा। 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों के लिए कोविड-19 टीकाकरण प्रमाणपत्र अनिवार्य कर दिया गया है। यात्रियों को 17 दिनों में 1700 किमी का सफर तय करना होगा। इसकी शुरुआत अयोध्या जी से होगी।
- प्रभु श्रीराम जुड़े इन तीर्थ स्थानों का ट्रेन से करें दर्शन
- अयोध्या – राम जन्मभूमि मंदिर, हनुमान गढ़ी, सरयू घाय
- नंदीग्राम- भरत-हनुमान मंदिर, भरत कुंड
- वाराणसी- तुलसी मानस मंदिर, संकट मोचन मंदिर, विश्वनाथ मंदिर
- प्रयागराज- भारद्वाज आश्रम, गंगा-यमुना संगम, हनुमान मंदिर
- जनकपुर- राम-जानकी मंदिर
- सीतामढ़ी- जानकी मंदिर, पुनौरा धाम
- सीता समाहित स्थल, सीतामढ़ी सीता माता मंदिर
- हम्पी – अनजानाद्री हिल, ऋषिमुख, सुग्रीव गुफा, चिंतामणि मंदिर, रघुनाथ मंदिर
- रामेश्वरम – शिव मंदिर और धनुषकोडी
- श्रींगावेरपुर- ऋषि समाधि, शांता देवी मंदिर, राम चौरा
- चित्रकूट – गुप्ता गोदावरी, रामघाट, भरत मिलाप मंदिर, सती अनसुईया मंदिर
- नासिक – त्र्यंबकेश्वर मंदिर, पंचवटी, सीता गुफा, कालाराम मंदिर
पूजा-पाठ के साथ यात्रियों के आराम का ख्याल दिल्ली से खुलने के बाद ट्रेन सुबह छह बजे अयोध्या पहुंचेगी. यहां यात्रियों को चाय-नाश्ते के बाद होटल ले जाया जाएगा। इसके बाद यात्री तैयार होकर अयोध्या के मंदिरों के दर्शन करेंगे। दिन के भोजन के बाद विश्राम होगा। यात्री शाम 5.30 बजे सरयू आरती देख सकेंगे। रात्रि भोज के बाद रात को अयोध्या में रुकने का सौभाग्य प्राप्त होगा।
ट्रेन से सुबह वाराणसी पहुंचने के बाद यात्रियों को चाय-नाश्ता मिलेगा। यात्री अपने-अपने होटलों में जाएंगे। यात्रियों को वाराणसी के मंदिरों के दर्शन कराए जाएंगे। इनमें तुलसी, संकट मोचन हनुमान मंदिर और काशी विश्वनाथ मंदिर शामिल हैं। इसके बाद शाम को यात्रियों को गंगा आरती देखने का मौका मिलेगा। गंगा आरती देखने के बाद यात्री रात्रि भोज करेंगे और वाराणसी में रात्रि विश्राम कर सकेंगे।
वाराणसी से प्रयाग पहुंचने के बाद तीर्थयात्रियों को दिन भर धार्मिक स्थलों के दर्शन कराए जाएंगे। उनके खाने-पीने और आराम का भी खास ख्याल रखा जाएगा। यात्रियों को प्रयाग में रात भर रुकने का मौका मिलेगा।