डेस्क : इंडियन रेलवे के माध्यम से हर साल लाखों की संख्या में लोग यात्रा करते हैं। हालांकि छुट्टियों के समय या त्योहारों के मौसम में ट्रेन टिकटों की डिमांड बढ़ जाती है। कन्फर्म सीट मिल जाए इसीलिए ज्यादातर लोग पहले से ही टिकट बुक कर लेते हैं। हालांकि, कई बार ये भी होता है कि अंतिम समय की आपात स्थिति या योजनाओं में बदलाव के कारण बहुत से लोगों को अपने टिकट रद्द करना पड़ता है। क्या आप भी ऐसा करते हैं? यदि आप भी उनमें से एक हैं तो आपको मालूम हो भारतीय रेलवे ने टिकट कैंसिलेशन चार्ज के नियम में बदलाव किए है। तो आपको बताएं मंत्रालय द्वारा किए गए बदलाव

3 अगस्त को वित्त मंत्रालय द्वार। जारी किए गए औपचारिक नोटिस के अनुसार, “कन्फर्म ट्रेन टिकटों को रद्द करना अब अधिक महंगा होगा क्योंकि यह माल और सेवा कर (जीएसटी) के अधीन होगा। टिकट बुकिंग को एक अनुबंध माना जाता है जिसके तहत सेवा प्रदाता (आईआरसीटीसी / भारतीय रेलवे) उपभोक्ता को सेवाएं देने के लिए सहमत होता है।” ये बातें वित्त मंत्रालय की कर अनुसंधान इकाई द्वारा जारी परिपत्र में कहीं गईं हैं।
मंत्रालय के अधिसूचना में ये भी बताया गया था कि, ‘प्रथम श्रेणी या एसी कोच टिकट रद्दीकरण शुल्क 5% जीएसटी के अधीन होगा, जो कि टिकट पर निर्धारित दर है। रद्दीकरण शुल्क अनुबंध के उल्लंघन के बजाय एक भुगतान है, जिससे जीएसटी के भुगतान की आवश्यकता होती है। इस तरह के किसी भी टिकट को रद्द करने पर अब रद्दीकरण शुल्क पर 5% जीएसटी लगेगा।’
ऐसे समझें : जैसा कि हमने आपको बताया, AC कोच टिकट 5% जीएसटी के अधीन हैं। जिसके अनुसार रद्दीकरण शुल्क भी उसी राशि पर जीएसटी के अनुसार लिया जाएगा। मालूम हो प्रस्थान तिथि से 48 घंटे पहले, भारतीय रेलवे एसी प्रथम श्रेणी या एसी कार्यकारी श्रेणी के टिकट को रद्द करने के लिए 240 शुल्क चार्ज करती है।