Manoj Bajpayee: कभी खाने तक के नही थे पैसे, कड़ी संघर्ष के बाद बने एक सफल अभिनेता, देखिए- खूबसूरत फोटो..

Manoj Bajpayee : मनोज बाजपेयी आज किसी परिचय के मोहताज नहीं है। बाजपाई एक वर्सेटाइल एक्टर के तौर पर जाने जाते हैं। इनकी एक्टिंग में गंभीरता को देख लोग मोहित हो जाते हैं। मनोज बाजपेयी बिहार के गरीब परिवार से बिलॉन्ग करते हैं जो अपने मेहनत और लगन के बूते आज कामयाबी के शिखर पर पहुंचने में कामयाब हुए हैं। मनोज बाजपेयी के जीवन में काफी संघर्ष रहा है। गैंग ऑफ वासेपुर जैसे फिल्मों में सरदार खान के किरदार में इन्हें लोगों ने काफी पसंद किया। इनके शानदार फिल्मों की लिस्ट लंबी है। आज हम उनके संघर्ष को करीब से देखेंगे।

मनोज कहते हैं कि ‘बैंडिट क्वीन’ के बाद हम में से कई कलाकार मुंबई शिफ्ट हो गए थे। यहां का जीवन बहुत कठिन था। कम से कम हम दिल्ली में थिएटर कर रहे थे। वहां पैसे तो नहीं मिलते थे, लेकिन दोस्त मदद के लिए तैयार रहते थे। एक दूसरे को खिलाते थे। हमारे पास मुंबई में काम नहीं था। खाने के लिए पैसे नहीं थे। हमें यह भी नहीं पता था कि हमें खाना कब मिलेगा। शुरुआती 4-5 साल काफी मुश्किल भरे रहे। पहले तीन बहुत कठिन थे। पर्सनल और प्रोफेशनल दोनों तरफ से।

‘उस दौरान पिता की तबीयत ठीक नहीं चल रही थी। परिवार को आर्थिक मदद की भी जरूरत थी। घर का सबसे बड़ा बेटा होने के नाते मुझे सारी जिम्मेदारियां निभानी थी। मेरे पास मुंबई में कोई नौकरी नहीं थी। फिल्म मिलना बहुत मुश्किल था। उन दिनों कास्टिंग डायरेक्टर नहीं होते थे। हम काम की तलाश में फिल्म के सेट पर जाया करते थे। कभी-कभी वे फिल्मों के निर्देशकों और निर्माताओं के कार्यालयों में जाते थे।

मैं मुंबई में जीवित रहने के लिए बहुत मेहनत कर रहा था। मैं कह सकता हूं कि वह समय मेरे लिए बहुत कठिन था, जब मैं घर से दूर था। मनोज बाजपाई 25 साल के बॉलीवुड करियर में उन्होंने ‘सत्या’, ‘शूल’, ‘स्पेशल 26’, ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’, ‘राजनीति’, ‘पिंजर’, ‘अलीगढ़’ जैसी सुपरहिट फिल्मों में काम किया है।